लेखक की कलम से : एक तरफ काल, दूसरी ओर आक्सीजन की कालाबाजारी

लेखक की कलम से : एक तरफ काल, दूसरी ओर आक्सीजन की कालाबाजारी

कोरोना महामारी में भी कुछ ‘शैतानी ताकतें’ अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही हैं। लाॅक डाउन के समय जरूरत की चीजों की कैसे कालाबाजारी हुई थी,किसी से छिपा नहीं है।

18-Sep-2020

लेखक की कलम से : ...हो सके तो खुद को संभाल लो

लेखक की कलम से : ...हो सके तो खुद को संभाल लो

पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान एक चेप्टर सामने आया था प्रोपोगंडा एजेंडा सेटिंग का, जिसके मुताबिक सरकार जब मूल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाना चाहती है तो बड़े ही पारंपरिक तरीके से एक सेट एजेंडे को मीडिया के सामने रखती है और मीडिया भी विशुद्ध पैरोकार को तरह उस एजेंडे पर काम करना शुरू कर देती है।

17-Sep-2020

लेखक की कलम से : एक तरफ काल, दूसरी ओर आक्सीजन की कालाबाजारी

लेखक की कलम से : एक तरफ काल, दूसरी ओर आक्सीजन की कालाबाजारी

कोरोना महामारी में भी कुछ ‘शैतानी ताकतें’ अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही हैं। लाॅक डाउन के समय जरूरत की चीजों की कैसे कालाबाजारी हुई थी,किसी से छिपा नहीं है। आटा जैसी आवश्वयक वस्तु बाजार से गायब हो गई थी,जो आटा आम दिनों में 20-22 रूपए किलो बिकता था,वह तीस रूपए किलो तक बेचा गया।

17-Sep-2020

लेखक की कलम से : बच्चन परिवार जिसे ‘नेकनामी-बदनामी’ दोनों मिलीं

लेखक की कलम से : बच्चन परिवार जिसे ‘नेकनामी-बदनामी’ दोनों मिलीं

फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स कनेक्शन और उस पर राज्यसभा में जया बच्चन द्वारा दिये गये बयान के चलते बच्चन परिवार एक बार फिर विवादों में आ गया है। बच्चन परिवार को अहसान फरामोश बताया जा रहा है। उसे याद दिलाया जा रहा है कि किस तरह से उसने समाजवादी नेता अमर सिंह के अहसान का बदला बेरूखी के साथ चुकाया था।  

17-Sep-2020

लेखक की कलम से :  जनता की नजरों में योगी सरकार की ‘रेटिंग’ अच्छी नहीं

लेखक की कलम से : जनता की नजरों में योगी सरकार की ‘रेटिंग’ अच्छी नहीं

अफरशाही के सहारे उत्तर प्रदेश की ‘तकदीर और तस्वीर’ बदलने का सपना देख रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मिशन में कितना कामयाब या नाकामयाब रहे यह तो वह ही जानें, लेकिन आमजन की नजर में प्रदेश के विकास और कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की ‘रेटिंग’ बहुत अच्छी नहीं है। 

17-Sep-2020

लेखक की कलम से : तो तैयार है भारत चीन से वार्ता और जरूरत पड़े तो दो-दो हाथ करने को भी

लेखक की कलम से : तो तैयार है भारत चीन से वार्ता और जरूरत पड़े तो दो-दो हाथ करने को भी

लोकसभा में विगत 15 सितंबर को भारत-चीन के बीच चल रहे मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों पर चर्चा और 56 साल पहले 14 अप्रैल, 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद हुई बहस में जमीन-आसमान का अंतर है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव पर चीन को साफ शब्दों में सन्देश दे दिया कि भारत भी पूरी तरह से तैयार है। अगर ड्रैगन सीमा पर कोई हरकत करेगा तो हमारे जवान उसे माकूल जवाब भी देंगे। सेना के लिए विशेष अस्त्र-शस्त्र और गोला बारूद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। उम्मीद है कि नए भारत का यह अंदाज चीन को समझ में आ जाना चाहिए ।

17-Sep-2020

लेखक की कलम से : कितने दूध के धुले हैं उमर खालिद

लेखक की कलम से : कितने दूध के धुले हैं उमर खालिद

दिल्ली में इसी साल फरवरी में भड़काए गए दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू)के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को अन्ततः गिरफ्तार कर ही लिया है। यह गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत की गई है।

15-Sep-2020

14 सितम्बर खास लेखक की कलम से : आओ मिलें हिन्दी के अनाम सेवियों से

14 सितम्बर खास लेखक की कलम से : आओ मिलें हिन्दी के अनाम सेवियों से

डीएमके पार्टी की सांसद कनिमोझी करुणानिधि को तो हिन्दी विरोध का कोई न कोई बहाना चाहिए होता है । पर आम और खास तमिल और बाकी समस्त दक्षिण भारतीय जनता तो हिन्दी को मन से और ह्रदय से अपनाने लगी हैं।

13-Sep-2020

लेखक की कलम से : अर्श से फर्श पर गिरना चंदा कोचर का

लेखक की कलम से : अर्श से फर्श पर गिरना चंदा कोचर का

सच में जब समाज और देश के कोई सम्मानित और प्रतिष्ठित नायक किसी गलत कृत्य के कारण फंसते हैं, तो उनके प्रशंसकों का मन उदास हो जाता है। उनके गलत कामों से उनके चाहने वाले और उनसे प्रेरणा लेने वाले हजारों-लाखों लोग अपने को ठगा सा महसूस जरूर करते हैं।

09-Sep-2020

आक्रामक भारत को भी अब देख ले चीन

आक्रामक भारत को भी अब देख ले चीन

भारत के नए और आक्रामक तेवर को भी देख रहा चीन। उसे अब अच्छी तरह से समझ आ रहा है कि अब भारत भी उसकी गर्दन में हाथ डालकर जमीन में गिराने का जज्बा और शक्ति रखता है।

06-Sep-2020

लेखक की कलम से : कोरोना काल में उप-चुनाव भाजपा के लिए ‘अग्नि परीक्षा’ होगी अपने वोटरों को घर से बाहर निकालना  

लेखक की कलम से : कोरोना काल में उप-चुनाव भाजपा के लिए ‘अग्नि परीक्षा’ होगी अपने वोटरों को घर से बाहर निकालना  

कोरोना काल के बाद बने सियासी हालात और विपक्षी दलों द्वारा जातिवाद को गर्माने का नफा-नुकसान भी उप-चुनाव में देखा जाएगा। बीते वर्ष 11 सीटों पर हुए उप-चुनाव में भाजपा की तरफ से स्टार प्रचारक के रूप में सिर्फ योगी ने ही प्रचार किया था, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से प्रचार करने के लिए अखिलेश-मायावती आदि कोई दिग्गज नेता मैदान में नहीं उतारा था। इस बार देखने है क्या नजारा रहता है।

05-Sep-2020

आ गई अब मर्दों के लिए बिकिनी, ONLINE बिक्री शुरू, जानें कीमत

आ गई अब मर्दों के लिए बिकिनी, ONLINE बिक्री शुरू, जानें कीमत

अब तक आपने महिलाओं के लिए बिकिनी के बारे में देखा सुना था लेकिन अब पुरुषों के लिए भी बिकिनी आ गई है जिसे ब्रोकिनी नाम दिया गया है। पुरुषों के लिए ये बिकिनी वन शोल्डर वाला है

05-Sep-2020

शिक्षक दिवस स्पेशल  : कैसे होने चाहिए शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी ? – एक विचार

शिक्षक दिवस स्पेशल : कैसे होने चाहिए शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी ? – एक विचार

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? यह बात अधिकांश पाठकों को पता ही होगी। किन्तु क्या सिर्फ शिक्षक दिवस मनाकर, अपने प्रिय शिक्षकों का सम्मान कर इसे पूर्ण मान लेना चाहिए?

05-Sep-2020

लेखक की कलम से: स्वीडन और बैंगलुरू की हिंसा की समानता को समझिए

लेखक की कलम से: स्वीडन और बैंगलुरू की हिंसा की समानता को समझिए

स्वीडन की गिनती संसार के सबसे सुखी देशों में होती है। एकदम शांतिप्रिय लोग, अपराध शून्य के बराबर और सामूहिक उल्लास और जश्न मनाने के रिवाज के कारण न्यूनतम ईर्ष्या, द्वेष और आपसी हिंसा।

03-Sep-2020

डा0 काफिल की आड़ में आजम के भ्रष्टाचार पर पर्दा न डालें अखिलेश

डा0 काफिल की आड़ में आजम के भ्रष्टाचार पर पर्दा न डालें अखिलेश

अखिलेश यादव ने डा0 काफिल के पक्ष में हाईकोर्ट के फैसले पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद डॉ. कफील खान की रिहाई पर खुशी जाहिर की बल्कि यह कहने से भी नहीं चूके कि डाक्टर काफिल की तरह झूठे मुकदमों में फंसाए गए.

03-Sep-2020

लेखक की कलम से: आतंकियों के शत्रु और गंगा मैया के भक्त थे प्रणव दा

लेखक की कलम से: आतंकियों के शत्रु और गंगा मैया के भक्त थे प्रणव दा

प्रणव कुमार मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर हो रही बहस के बीच यह याद रखा जाना आवश्यक है कि उन्होंने देश के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भारत के शत्रुओं की कमर तोड़ने में भी एक निर्णायक भूमिका अदा की थी ।

01-Sep-2020

लेखक की कलम से: जापानी प्रधानमंत्री के एहसानों को क्यों याद रखेगा भारत

लेखक की कलम से: जापानी प्रधानमंत्री के एहसानों को क्यों याद रखेगा भारत

भारत के परम मित्र और हितैषी के रूप में सदैव याद किए जाते रहेंगे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे। उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन, उनके और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बेहद घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध तो कायम रहें ही ।

29-Aug-2020