K-शेप रिकवरी रोकने के लिए सरकार को लेना चाहिए कड़ा फैसला - रघुराम राजन
फाइल फ़ोटो


सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था की K-शेप रिकवरी रोकने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। इसके साथ ही, रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ चमकदार स्पोट और कई बहुत गहरे धब्बे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सावधानी के साथ खर्च करने की जरूरत है।

बता दें कि K-शेप रिकवरी, एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है, जहां कुछ सेक्टर अधिक तेज दर से उबरते हैं जबकि कुछ सेक्टर इस दौड़ में धीमे होते हैं और पीड़े रह जाते हैं। शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने एक ई-मेल साक्षात्कार में कहा, "अर्थव्यवस्था के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मध्यम क्षेत्र, और हमारे बच्चों के दिमाग को लेकर है।

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से व्यापक स्तर पर उपयोग होने वाले सामान की मांग काफी कमजोर है। उन्होंने कहा कि चमकदार क्षेत्रों की बात करें तो स्वास्थ्य सेवा कंपनियां इसमें हैं। इनके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और आईटी-संबद्ध क्षेत्र का बढ़िया कारोबार कर रहे हैं। कई यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन) बने हैं और वित्तीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी मजबूत आई है।

राजन ने कहा कि गहरे धब्बों में बेरोजगाारी, कम क्रय शक्ति (विशेषरूप से निम्न मध्यम वर्ग में), छोटी और मझोले आकार की कंपनियों का वित्तीय दबाव आता है। इसके अलावा ऋण की सुस्त वृद्धि और स्कूलों की पढ़ाई भी है। उन्होंने कहा कि कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रॉन चिकित्सकीय और आर्थिक गतिविधियों दोनों के लिए झटका है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार को के-आकार रिकवरी के लिए भी आगाह किया।

उन्होंने कहा कि हमें K-शेप रिकवरी रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पेश होने से पहले राजन ने कहा कि बजट-दस्तावेज एक दृष्टिकोण होता है। उन्होंने कहा, मैं भारत के लिए पांच या 10 साल का दृष्टिकोण या सोच देखना चाहता हूं।

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