नई राष्ट्रीय लजिस्टिक पॉलिसी, पीएम मोदी की देश को सौग़ात
नई राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति एक सिंगल ई-लजिस्टिक बाज़ार बनाएगी


नई दिल्ली:-देश को लजिस्टिक क्षेत्र में और मज़बूत बनाने के लिए मोदी सरकारनई राष्ट्रीय लजिस्टिक नीतियाँ ला रही है,पीएम मोदी नेअपने जन्मदिवस के अवसर पर देशवासियों को सौग़ात दी॥

वर्तमान में देश के अंदर लजिस्टिक लागत देश के जीडीपी का 13% है, नई राष्ट्रीय नीति का यह उद्देश्य होगा की लजिस्टिक की लागतको 13% से घटकर 8% पर लाया जाए ताकि लजिस्टिक पर्फ़ॉर्मन्स इंडेक्स में देश की स्थिति सुधार सके और भारत को लजिस्टिक केक्षेत्र में विश्व के सर्वश्रेष्ठ 25 देशों में शामिल किया जा सके।


नई राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति को लाने के क्रम में सरकार ने पिछले 8 महीनो  में बहुत सारे आयामों को टटोला है।भारत सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, आँध्र प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश समेत 14 अन्य राज्यों को भी अपने राज्य से सम्बंधित राज्य लजिस्टिक नीति बनाने को कहा था।

वस्तुतः नई राष्ट्रीय लजिस्टिक नीति एक सिंगल ई-लजिस्टिक बाज़ार बनाएगी जिसका उद्देश्य रोज़गार एवं कौशल को बढ़ावा देने के साथ साथ एमएसएमई क्षेत्र को और प्रतिस्पर्धी बनाना है।भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र अत्यधिक डीफ़्रेग्मेंटेड है और इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के  14% से  घटकर  2022 तक 10% करना है।मूलतः भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 20 से अधिक सरकारी एजेंसियों, 40 पीजीए, 37 निर्यात प्रोत्साहन परिषदों केसाथ स्वयं में बहुत जटिल है।  

2020 तक भारत के लजिस्टिक क्षेत्र के अंतर्गत 12 मिलियन रोजगार आधार, 200 शिपिंग एजेंसियां, 36 रसद सेवाएं, 129 आईसीडी, 168 सीएफएस, 50 आईटी पारिस्थितिकी तंत्र और बैंक और बीमा एजेंसियां  शामिल थी।


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