क्या आप जानते हैं भारत में चलता था 10000 का नोट? देश में पहली बार इस साल हुई थी नोटबंदी
10000 का नोट


नई दिल्ली : आरबीआई ने 2000 रूपये के नोट को चलन से बाहर करने का आदेश दे दिया है. आरबीआई ने जानकारी देते हुए बताया है कि दो हजार के नोट का लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. फिलहाल आपको बता दें कि ये कोई नोटबंदी नहीं है. कुछ शर्तों के साथ 2000 रुपए के नोटों को 30 सितंबर तक बैंक से आसानी से बदला जा सकता हैं.

बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब भारत में नोट को चलन से बाहर (बंद) किया जा रहा है. इससे पहले भी 500, 1000, 5000 और 10,000 के नोटों को भी बंद किया जा चुका है. दरअसल इस बारे में ज्‍यादातर लोगों को इस बारे में पता ही नहीं है. लेकिन यही हकीकत है. आइए आज आपको बताते हैं की भारत में हुई नोटबंदी से जुड़ी कुछ खास और अहम् बाते हैं.

नोटबंदी आखिर है क्या?
नोटबंदी को लेकर जानकार बताते हैं कि बड़े नोटों को समय समय पर चलन से बाहर करने की प्रकिया कैश फ्लो को क्लीन करने के साथ काला धन  (नोटों की जमाखोरी) को रोकने और फेक करेंसी (नकली नोटों) के काले कारोबार को रोकने के मकसद से की जाती है. 19 मई, 2023 से पहले देश में कई मौकों पर लीगल टेंडर या चलन में मौजूद नोटों से संबंधित ऐसे फैसले लिए गए हैं.

देश में बंद हो चुका है 500 से लेकर 10,000 का नोट
इससे पहले सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  08 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए  थे. वहीं देश में 5000 और 10000 के भी नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. पुराने समय में नोटबंदी जैसा फैसला लेकर बड़े नोटों को चलन से बाहर कर दिया जाता था. ऐसे में हम आपको एक बार फिर ये बता दें कि RBI का 2000 के नोट के संबंध में लिया गया हालिया फैसला नोटबंदी के तहत नहीं आता है. यह आदेश इन नोटों को घर, बाजार और हर जगह यानी चलन से बाहर करने से जुड़ा है.

भारत में पहली नोटबंदी
बता दें कि जनवरी 1946 में पहली बार नोटबंदी की गई थी इस दौरान 500, 1000 और 10,000 के नोट चलन से बाहर हुए थे. RBI के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने साल 1938 में पहली बार 10,000 रुपए का नोट छापा था. ये RBI द्वारा मुद्रित अब तक का सबसे बड़ा नोट था, जिसे जनवरी 1946 में नोटबंदी के जरिए बंद कर दिया गया. 1954 में एक बार फिर 10 हजार का नोट बाजार में आया लेकिन 1978 में उसे फिर से बंद कर दिया गया.


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