नई दिल्ली : जुलाई का महीना जॉब करने वालों के लिए कई मायने में खास है. एक इस महीने अप्रेजल और इंक्रीमेंट का पैसा मिला है. दूसरा कि जुलाई में ही इनकम टैक्स रिटर्न भी भरना है और इसी महीने की 22 तारीख को बजट भी पेश हो सकता है. इस बार का बजट भी जॉब करने वालों के लिए राहतों का पिटारा खोल सकता है. कयास लगाए जा रहे कि सरकार इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाने के साथ नौकरीपेशा को 50 हजार की अतिरिक्त टैक्स छूट भी दे सकती है.
वैसे तो इंडस्ट्री की तरफ से तमाम तरह की सहूलियत और छूट की मांग की जा रही है. लेकिन, माना जा रहा कि वित्तमंत्री पर्सनल टैक्स से जुड़े 2 फैसले बजट में कर सकती हैं. इसका फायदा सीधे तौर सैलरीड पर्सन को होगा और उनके हजारों रुपये बच जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि टैक्स को लेकर होने वाला बदलाव सिर्फ नए रिजीम के तहत ही किया जाएगा. सरकार की मंशा नए रिजीम को बढ़ावा देन की है और ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स को इसमें जोड़ने की तैयारी है.
दोगुना हो सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन
विश्लेषकों का कहना है कि सरकार नौकरीपेशा को बड़ी राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना कर सकती है. अभी हर वित्तवर्ष में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. यह नौकरीपेशा के खर्चे के एवज में दिया जाता है और इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट लगाने की जरूरत नहीं होती. कहा जा रहा है कि अब इस दायरे को दोगुना कर 1 लाख रुपये कर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि जॉब करने वालों को 1 लाख रुपये की सीधी टैक्स छूट मिल जाएगी.
5 लाख की सीधी टैक्स छूट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में टैक्स को लेकर एक और घोषणा कर सकती हैं. कयास हैं कि बेसिक छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है. नए टैक्स रिजीम में अभी बेसिक छूट 3 लाख है, जबकि पुराने रिजीम में तो 2.5 लाख रुपये ही है. यह छूट 5 लाख हो जाने से कम कमाई से लेकर ज्यादा कमाई करने वालों तक को हजारों रुपये का टैक्स बचाने में मदद मिलेगी.
8 लाख तक कमाई पर शून्य टैक्स
अगर सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से 1 लाख करती है तो नए रिजीम के तहत मिलने वाली टैक्स छूट भी मौजूदा 7.5 लाख से बढ़कर 8 लाख रुपये हो जाएगी. इसके ऊपर कमाई करने वालों को भी फायदा होगा अगर बेसिक छूट 5 लाख कर दी जाती है. इस फैसले के बाद टैक्स की गणना 5 लाख से ज्यादा की कमाई से शुरू होगी. अगर मौजूदा स्लैब को ही लेकर चलें तो 3 से 6 लाख तक कमाई पर 5 फीसदी टैक्स है, जो 5 लाख के बाद लगेगा. इसका सीधा मतलब हुआ कि पहले जहां 3 से 6 लाख तक कमाई पर 5 फीसदी के हिसाब से 15 हजार का टैक्स बनता था, वहीं अब सिर्फ 5 लाख का ही टैक्स बनेगा.