सेबी प्रमुख पर कांग्रेस ने फिर बोला हमला, कहा-कौन सी नौकरी में सैलरी से ज्यादा पेंशन मिलती है
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा


नई दिल्ली : सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच की सैलरी के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की सफाई सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर पलटवार किया है और कहा है कि ऐसी कौन सी नौकरी है, जहां सैलरी से ज्यादा पेंशन मिलती है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने कल एक खुलासा किया था. हमने PM, SEBI और ICICI बैंक से सवाल पूछा था, उसमें से एक मोहरे का जवाब आया. ICICI का कहना है कि माधबी बुच को उन्होंने रिटायरमेंट बेनिफिट दिया. ये जवाब हमारे आरोप को और मजबूत करता है.'

ऐसी नौकरी सबको मिलनी चाहिए: कांग्रेस
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'ऐसा कही होता है कि पेंशन शुरू होता है और फिर बंद होता है और फिर चालू हो जाता है. कौन सी ऐसी सैलरी है, जिससे पेंशन ज्यादा होता है. माधवी पुरी बुच की सैलरी से ज़्यादा पेंशन मिलता है. ये कैसे हो सकता है. ऐसी नौकरी सबको मिलनी चाहिए, जहां सैलरी से ज़्यादा पेंशन हो.' उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस के अलावा भाजपा के एक पूर्व सांसद भी माधवी बुच पर भ्रष्ट होने का आरोप लगा रहे हैं. सरकार उनके आरोप पर जवाब दे.'

डॉ. सुभाष चंद्रा ने सेबी प्रमुख पर लगाया भ्रष्ट होने का आरोप
जी समूह के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने सोमवार को बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ कई आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूंजी बाजार नियामक के साथ सहयोग करना बंद कर देंगे. ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने कहा कि वह माधबी पुरी बुच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना तलाश रहे हैं, क्योंकि उन्हें ‘सेबी प्रमुख के भ्रष्ट होने’ का यकीन है. उन्होंने अन्य कॉरपोरेट घरानों से भी अपनी लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया. डॉ. सुभाष चंद्रा ने यह आरोप भी लगाया कि बुच उनके खिलाफ ‘पक्षपाती’ हैं और उन्होंने ‘सेबी के साथ आगे सहयोग नहीं करने’ का फैसला किया है. उन्होंने अपनी कंपनी ज़ी एंटरटेनमेंट से आगे सेबी के साथ सहयोग न करने का आग्रह करते हुए कहा कि कंपनी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच की जा रही है और सेबी प्रमुख अपनी पूर्व-निर्धारित मानसिकता के साथ काम कर रही हैं.

कांग्रेस ने पहले लगाए थे 3 जगह से सैलरी लेने का आरोप
इससे पहले कांग्रेस ने सेबी चीफ माधबी पुरी बुच को लेकर बड़ा दावा किया था और नियमों का उल्लंघन कर ICICI बैंक से सैलरी लेने का आरोप लगाया था. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंसकर कहा था माधबी पुरी बुच ने साल 2017 से 2024 तक 16 करोड़ से अधिक रुपये लिए. उन्होंने कहा था कि देश में शतरंज का खेल चल रहा है. आज हम उसी शतरंज के खेल के एक मोहरे के बारे में आपको बताएंगे और वो नाम है: माधबी पुरी बुच. माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल 2017 से 4 अक्तूबर 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं. फिर 2 मार्च 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं. माधबी पुरी बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपये था. वे ICICI प्रूडेंशियल, ESOP और ESOP का TDS भी ICICI बैंक से ले रही थीं. इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन ICICI से क्यों ले रही थीं? यह सीधे-सीधे SEBI के सेक्शन-54 का उल्लंघन है. इसलिए अगर माधबी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म होगी तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

कांग्रेस के आरोपों पर आईसीआईसीआई बैंक की सफाई
कांग्रेस के आरोपों पर आईसीआईसीआई बैंक ने सोमवार को सफाई दी र कहा कि उसने अक्टूबर, 2013 में सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच की रिटायरमेंट  के बाद से उन्हें कोई भी वेतन या ईएसओपी नहीं दिया है. कांग्रेस के आरोप पर बैंक ने बयान में कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक या इसकी समूह कंपनियों ने माधबी पुरी बुच को उनकी रिटायरमेंट के बाद उनके रिटायरमेंट लाभों के अलावा कोई वेतन या कोई ईएसओपी (कर्मचारी शेयर विकल्प योजना) नहीं दिया गया है.


(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)

अधिक बिज़नेस की खबरें