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शारदीय नवरात्रि आज से, मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, इस मुहूर्त पर करें कलश स्थापना
शारदीय नवरात्रि


शारदीय नवरात्रि सोमवार (26 सिंतबर) से शुरू हो रहा है, जबकि 5 अक्टूबर को इसका समापन होगा. नवरात्रि के समय 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का त्योहार घटस्थापना से शुरू होता है और अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में खास पूजा-अर्चना करने से मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. तो आइए जानते हैं नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि के बारे में...

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
आश्विन नवरात्रि सोमवार, सितम्बर 26, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक
अवधि - 01 घण्टा 33 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स

शारदीय नवरात्रि पूजा का समय
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 26, 2022 को सुबह  03 बजकर 23 मिनट से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त - सितम्बर 27, 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना की पूजन सामग्री
एक बड़ा मिट्टी का बर्तन, अनाज बोने के लिए साफ मिट्टी, 7 अलग-अग तरह के अनाज, छोटा मिट्टी या पीतल का घड़ा, कलश को भरने के लिए गंगा जल, कलावा, इत्र, सुपारी, कलश में रखने के लिए सिक्का, आम या अशोक के 5 पत्ते, कलश को ढकने के लिए एक ढक्कन, अक्षत, बिना छिला हुआ नारियल, नारियल बांधने के लिए लाल कपड़ा और दूब घास, फूल.

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना पूजा विधि
घटस्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी का एक चौड़ा बर्तन लें. 
इसमें मिट्टी डालें और इसके बाद इसमें 7 तरह का अनाज डालें. 
इसके बाद इसके ऊपर फिर से मिट्टी डालें. 
मिट्टी को बर्तन में अच्छी तरह से फैला दें. 
इसमें आप थोड़ा सा पानी भी डाल सकते हैं.  
इसके बाद मिट्टी का या किसी भी धातु का कलश लें और इसमें कलावा बांधें. 
अब इस कलश के ऊपर तक गंगाजल भरें. 
इस कलश में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्के डालें. 
कलश को ढकने से पहले अशोक के 5 पत्तों या आम के पत्तों को कलश में रख दें. 

अब एक जटा वाला नारियल लें. 
इसपर लाल कपड़ा लपेटें और फिर कलावा लपेटें. 
नारियल को कलश के ऊपर रखें. 
इसके बाद मां दुर्गा से प्रार्थना करें और इस कलश को नौ दिनों तक मां दुर्गा के आगे रख दें. 
फिर मंदिर में दीपक जलाएं. 
माता के आगे फल रखें और उन्हें फूलों की माला चढ़ाएं. 
फिर अंत में मां दुर्गा की आरती करें. 
इस दौरान आप चाहे तो अखंड ज्योति भी जला सकते हैं. लेकिन ध्यान रहें कि यह अखंड ज्योति 9 दिनों तक बुझनी नहीं चाहिए. 

शारदीय नवरात्रि पर बनने वाले शुभ योग
शारदीय नवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर सुबह 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. अमृत काल  सितम्बर 27 से सुबह 12 बजकर 11 मिनट से सुबह 1 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. 

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