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जरूर पढ़े - मृत्यु के बाद क्यों कराया जाता है मुंडन
फाइल फोटो


जैसा कि हम सब यह देखते चले आ रहे हैं की मृतक के लिए बाल समर्पित करना उसके प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाने के रूप में देखा जाता है। विशेष रूप से यह स्वच्छता को ध्यान में रखकर किया जाता है। बच्‍चे के जन्‍म और किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु के कारण परिवार में सूतक लगता है। यानी कि कुछ दिनों तक परिवार के लोगों को अशुद्ध माना जाता है। सिर मुंडवाने पर ही सूतक पूरी तरह से खत्‍म होता है।

मुंडन दर्शाता है प्यार और सम्मान

घर में किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है, तो सिर मुंडवाया जाता है। सिर मुंडवाने की परंपरा सालों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि मृतक के लिए बाल समर्पित करना उसके प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाता है।

बाल हैं नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक

शास्त्रों में बताया गया है कि आत्मा शरीर से अलग होने के तुरंत बाद नहीं, बल्कि कुछ समय बाद यमलोक जाती है। ऐसे में वह आत्मा कई बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क बनाने की कोशिश करती है। धर्म ग्रंथों में बालों को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में आत्मा का परिवार के लोगों से संपर्क में आने का सबसे आसान माध्यम बाल होते हैं। इसी कारण से अंतिम संस्कार से पहले ही सिर मुंडवाने की परंपरा चली आ रही है।

ये हैं वैज्ञानिक कारण

मृत्यु के बाद मृतक के शरीर के आसपास बहुत से हानिकारक जीवाणु पैदा होने लगते हैं। मृत शरीर के पास मौजूद जीवाणुओं को हटाने के लिए अंतिम संस्कार के बाद कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों में नाखून काटना, धूप में बैठना, स्नान करना और सिर मुंडवाना भी शामिल है।

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