सेहत के लिए कितना फायदेमंद है ये हनी, जाने- जरूर
फाइल फ़ोटो


आजकल डीआईवाई स्किन केयर में रॉ हनी यानी कच्चे शहद का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं की रेसिपीज़ में भी यह जायका बढ़ाने के काम आता है। रॉ हनी क्या है और यह सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, जानेंगे यहां...

रेगुलर हनी-

रेगुलर शहद की बहुत सारे मशीनी प्रोसेस से गुजारा जाता है। इसे कई बार फिल्टर किया जाता है, इसे गर्म कर इसमें से यीस्ट निकालकर शहद की उम्र बढ़ाई जाती है जिससे यह लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सके। वहीं, कई खराब और सस्ते ब्रैंड इसमें चीनी मिला देते हैं। चीनी की वजह से इसमें शहद के गुण कम हो जाते हैं।

रॉ हनी-

सीधा मधुमक्खी के छत्ते से निकले शहद को रॉ हनी कहा जाता है। इसे सिर्फ छत्ते से निकालने के बाद नायलॉन के कपड़े में छानकर खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। छानने से इसमें से सारी गैर-जरूरी चीज़ें जैसे-बी वैक्स और मरी हुई मधुमक्खियां निकल जाती हैं। इसके अलावा इसे किसी भी फिल्टर प्रोसेस से नहीं गुजारा जाता, इसलिए यह शुद्ध माना जाता है।

रॉ हनी के फायदे-

1. जो चीज़ प्रोसेस्ड शहद में नहीं होती है वह है पराग, लेकिन पराग में कई पौष्टिक आहार होते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी हैं। मधुमक्खी के पराग में विटामिन ए और विटामिन सी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। इसमें मिनरल्स भी होते हैं जैसे कि कैल्शियम और मैग्नीशियम जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

2. आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि मधुमक्खी सिर्फ शहद नहीं बनाती है। प्रोपोलिस, गाढ़ा और हरे-ब्राउन रंग का तरह होता है, जो छत्ते को ढकने का काम करता है। यह कंपाउंड कच्चे शहद में मिलता है। इसमें अलग-अलग तरह के प्रोपोलिस होते हैं, जिनमें अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह चिपचिपा प्रोडक्ट एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-फंगल खूबी के साथ आता है। इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, पोटैशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है।

3. पैस्टुराइजेशन में शहद को बहुत ज्यादा गर्म किया जाता है, जिससे इसके एंटीऑक्सीडेंट खत्म हो जाते हैं। वहीं कच्चे शहद को गर्म नहीं किया जाता है, जिस कारण से इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा उतनी ही रहती है जितनी मधुमक्खी के छत्ते में रहती है। फ्री रेडिकल्स से लड़ने में कच्चा शहद बहुत लाभदायक होता है।

अधिक सेहत/एजुकेशन की खबरें