पीरियड्स के समय कभी न करें ये गलती, नहीं तो हो सकता हैं ये बड़ा नुक्सान
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ये कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्हें अपने मासिक धर्म या पीरियड के समय में लगभग हर लड़की ने अपनी मां से सुने होंगे। और उसकी मां ने अपनी मां से। पीरियड्स को लेकर ऐसे कई मिथक दादी नानी के जमाने से चले आ रहे हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है फिर भी हम इन पर भरोसा करते हैं। कोई कहता है ठंडे पानी से मत नहाओ, तो कई जगहों पर तो इन दिनों में पेड़-पौधे तक को छूने से मनाही होती है। 

पीरियड्स में महिलाएं न तो बाल धो सकती हैं और न ही नहा सकती हैं- शरीर की सफाई यानी हाइजीन को बरकरार रखने के लिए रोजाना नहाना जरूरी है। फिर चाहे उन दिनों आपके पीरियड्स ही क्यों न चल रहे हों। बाल धुलने से ब्लीडिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। पीरियड्स के दिनों में साफ सफाई का खास खयाल रखा जाना चाहिए वरना इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

ज्यादा भागदौड़ या व्यायाम न करना- मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को दौड़ने-भागने, खेलने-कूदने नाचने और एक्सरसाइज करने से मना किया जाता है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि उन्हें दर्द कम होगा और आराम भी मिलेगा लेकिन यह सोच बिल्कुल गलत है। ज्यादा आराम करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक ढंग से नहीं हो पाता और दर्द भी ज्यादा महसूस होता है। खेलते-कूदते रहने और व्यायाम करने से ब्लड और ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारू रूप से चलता रहेगा जिससे पेट दर्द या एंठन जैसी समस्याएं भी नहीं होंगी।

पीरियड्स में खट्टी चीजों को खाने से मना करना- इन दिनों में खट्टी चीजें खाने से मना किया जाता है। हालांकि इन चीजों से परहेज जैसी कोई बात नहीं है। खट्टी चीजें विटामिन सी से भरपूर होती हैं जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है तो फिर ये कैसे नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। बस, एक चीज़ का ध्यान रखें कि अति हर चीज की बुरी होती है। खट्टा खाएं लेकिन सीमित मात्रा में।

पीरियड्स के दौरान निकलने वाला खून गंदा होता है- आज भी हमारी दादी-नानी इस बात पर कठोरता से यकीन करती हैं कि पीरियड्स का खून गंदा होता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस भ्रम को तोड़ने की जरूरत है। पीरियड का खून गंदा नहीं होता है और ना ही शरीर के किसी भी तरह के टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। जो लोग इसे गंदा कहते हैं उन्हें समझना चाहिए कि यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जिसके बारे में बात करने में किसी को शर्म नहीं आनी चाहिए।

पीरियड्स के दौरान आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकते- यह पूरी तरह से सच नहीं है। संभोग के दौरान अगर स्पर्म वजाइना के अंदर रह जाए तो सात दिनों तक जिंदा रहता है। यानी अगले सात दिनों तक प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रहेगी। इसलिए पीरियड्स के दौरान भी सेफ तरीकों का इस्तेमाल करें।

पीरियड एक हफ्ते चलने ही चाहिए- ये धारणा भी मेडिकल नजरिए से सही नहीं है।पीरियड्स की अवधि वैसे तो सात दिनों तक मानी जाती है लेकिन कुछ महिलाओं को ये सिर्फ दो तीन दिनों तक ही रहता है और यह बिल्कुल सामान्य है।पीरियड का साइकिल समय कम से कम 5 दिन और ज्यादा से ज्यादा 7 दिन तक का हो सकता है।

पीरियड्स के दौरान स्विमिंग न करना- पीरियड्स के दौरान स्विमिंग करना बिल्कुल सुरक्षित होता है। यह मिथक उस समय का था जब टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का विकल्प हमारे पास नहीं था।

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