एड-टेक कंपनी लीडो लर्निंग हुई बर्बाद,दिवालियेपन के कगार पर
सांख्यिकीय रूप से यह स्पष्ट है कि लीडो लर्निंग मृत्यु शैय्या पर है


लखनऊ:-एडूटेक कम्पनी लीडो लर्निंग आज दिवालिया होने की कगार पर है, पहले तो इस कम्पनी ने बड़ी व्याकुलता के साथ विलय के  लिए अनेक विकल्पों की खोज की किंतु असफलता हाथ लगने के बाद अब कम्पनी ने दिवालियापन की कार्यवाही की शुरुआत कर दी है, क्योंकि नकदी की कमी की समस्या का सामना कर रही लीडो लर्निंग कंपनी अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भुगतान करने के लिएसंघर्ष कर रही है। कम्पनी के बोर्ड मेंबर्स ने दिवालियापन संहिता की धारा 10 के तहत आवेदन दायर करने के लिए एक प्रस्ताव पारितकिया।

इनट्रेकर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने अभी तक वित्तीय वर्ष 2022  के लिए अपना वित्तीय विवरण दाखिल नहीं किया है।  RoC के साथ अपने वार्षिक वित्तीय वक्तव्यों के अनुसार, लीडो ने वित्त वर्ष 2015 में 3.62 करोड़ रुपये से राजस्व में 3 गुना वृद्धि के साथ10.9 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी।  वित्त वर्ष 2011 में कंपनी का वार्षिक घाटा भी 35 प्रतिशत बढ़कर 58.75 करोड़ रुपये हो गया जोमार्च 2020 के अंत में 43.52 करोड़ रुपये था।

सांख्यिकीय रूप से यह स्पष्ट है कि लीडो लर्निंग मृत्यु शैय्या पर है, वस्तुतः छात्रों के अपने भौतिक कक्षाओं में लौटने के बाद, एडुटेकदिग्गज जैसे लीडो के साथ साथ अन्य कम्पनियों के समक्ष अस्तित्व बनाए रखने के क्रम में यह खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।यहकम्पनियाँ प्रतिस्पर्धा के क्रम में बहुत ही कम दाम में छात्रों के समक्ष पाठ्यक्रम प्रस्तुत करते हैं, वह दाम इतना कम होता है की इनकी लागत ही नही निकल पाती है|

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