हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए कराएं ये जांच
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शरीर को चुस्त-दुरुस्त और एक्टिव बनाए रखने के लिए हड्डियों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। वरना इससे ऑस्टियोपोरोसिस होने के खतरा हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर या भंगुर हो जाती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना ज्यादा होती है। इस वजह से महिलाओं के लिए अपने हड्डियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां इतनी कमजोर और भंगुर हो जाती हैं कि गिरने या हल्का तनाव जैसे झुकने या खांसने से भी फ्रैक्चर हो सकता है।

बोन डेंसिटी स्कैन या DEXA स्कैन-

आपकी हड्डियां कितनी मजबूत हैं, यह देखने के लिए बोन डेंसिटी स्कैन या DEXA स्कैन कम-डोज वाले एक्स-रे का उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट या बीएमडी टेस्ट, डीएक्सए और डुअल-एनर्जी एक्स-रे आदि। ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम फैक्टर्स के आधार पर एक महिला को कम से कम एक बार 58 साल या उससे पहले की उम्र में इस टेस्ट को कराना चाहिए।

इस टेस्ट का उपयोग शरीर में फैट (चर्बी) और दुबले शरीर के द्रव्यमान को निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान करने और उसे रोकने के लिए भी इस प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है।डायग्नोस्टिक प्रक्रिया शरीर के फैट प्रतिशत या आपकी हड्डी के मिनरल डेंसिटी को मापकर यह पता लगाने में मदद करती है कि आपकी हड्डियां फ्रैक्चर और चोटों के प्रति कितनी संवेदनशील हैं। अगर आपको हड्डियों की समस्या, जैस ऑस्टियोपोरोसिस होने का ज्यादा जोखिम है, तो डॉक्टर स्कैन या टेस्ट कराने की सिफारिश कर सकते हैं।

इस टेस्ट का उपयोग शरीर में फैट और दुबले शरीर के द्रव्यमान को निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान करने और उसे रोकने के लिए भी इस प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है।डायग्नोस्टिक प्रक्रिया शरीर के फैट प्रतिशत या आपकी हड्डी के मिनरल डेंसिटी को मापकर यह पता लगाने में मदद करती है कि आपकी हड्डियां फ्रैक्चर और चोटों के प्रति कितनी संवेदनशील हैं। अगर आपको हड्डियों की समस्या, जैस ऑस्टियोपोरोसिस होने का ज्यादा जोखिम है, तो डॉक्टर स्कैन या टेस्ट कराने की सिफारिश कर सकते हैं।

बोन डेंसिटी स्कैन का मुख्य रूप से ऑस्टियोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस का डायग्नोसिस करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट से भविष्य मे फ्रैक्चर होने के खतरे को भी भांपा जा सकता है। इस टेस्ट से यह भी देखा जा सकता है कि ऑस्टियोपोरोसिस के लिए उपचार काम कर रहा है या नहीं। 65 या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में बोन डेंसिटी (हड्डियों के घनत्व) को खोने का उच्च जोखिम होता है, जिससे फ्रैक्चर हो सकता है, इसलिए उन्हें बोन डेंसिटी स्कैन करवाना चाहिए।


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