अर्थराइटिस एक सीरियस प्रॉब्लम इसे न करें अनदेखा
फाइल फोटो


अर्थराइटिस यानि गठिया रोग जोड़ों से जुड़ी एक बेहद खतरनाक स्थिति है। जिसमें आपके जोड़ों में बहुत दर्द रहता है, सूजन के साथ अकड़न की समस्या भी हो जाती है। दुनियाभर में लाखों लोग इस समस्या से परेशान हैं। अर्थराइटिस का समय पर इलाज न कराया जाए तो यह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, अर्थराइटिस की बीमारी में खान-पान और लाइफस्टाइल का खासतौर से ध्यान रखना जरूरी है। 

एक्सरसाइज न करना

अर्थराइटिस में बेशक चलने-फिरने में परेशानी होती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप बिल्कुल ही फिजिकल एक्टिविटी बंद कर दें। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज उल्टा दर्द से राहत दिलाने का ही काम करती है। वैसे तो बेस्ट है योगा। लाइट योगा से ज्वॉइंट और मसल्स पेन में आराम मिलता है। साथ ही इससे वेट भी मेनटेन रखता है। 

सही डाइट न लेना

अर्थराइटिस के मरीजों को अपनी डाइट से एल्कोहल, मीट, फैट, तला-भुना खाना जैसी चीज़ें पूरी तरह से आउट कर देना चाहिए। ऐसा न करने पर अर्थराइटिस आगे चलकर और ज्यादा गंभीर हो सकता है। वहीं ब्रोकली, पालक, लहसुन, अदरक, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीज़ों का सेवन फायदेमंद साबित होता है।

चेकअप न करवाने की गलती

अर्थराइटिस के मरीजों को समय-समय पर अपना चेकअप करवाते रहना भी जरूरी है। इससे डॉक्टर जरूरी दवाएं देंगे और अगर किसी दवा को बंद करना है तो उसकी भी सलाद देंगे। कई सारे लोग जब दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तब डॉक्टर के पास जाता है। ऐसे में राहत मिलने में काफी लंबा वक्त लग सकता है। हर दो से तीन महीने में डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर एक्स रे की सलाह दे तो उसे भी करवाएं।

ज्यादा देर तक बैठे रहना 

किसी भी एक जगह पर बहुत ज्यादा देर तक बैठे न रहें इससे भी अर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है।

दवा न लेने की गलती

हां एक और गलती जो अर्थराइटिस के मरीज अक्सर करते हैं वो है दवाएं न लेना। जरा सी राहत मिलते ही वो दवाओं का सेवन बंद कर देते हैं, तो कभी लापरवाही के चलते। तीसरी एक और वजह है घरेलू उपायों के चक्कर में पड़कर दवाओं का सेवन अवॉयड करते हैं जिससे जोड़ों के दर्द व सूजन कम होने के बजाय बढ़ जाती है। तो ऐसा न करें। दवा किसी भी हाल में स्किप न करें।

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