डायबिटीज और हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर ये दोनों बीमारियां ही काफी गंभीर और खतरनाक होती हैं। आमतौर पर इनके कोई खास लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन इनसे होने वाले नुकसान बेहद घातक साबित हो सकते हैं। इसलिए इन बीमारियों से बचाव करने में ही भलाई है। हालांकि, आजकल इनके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और सिर्फ वयस्कों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहे हैं। इसके कारण बच्चों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ सकता है, जिसका खामियाजा उन्हें जीवनभर भुगतना पड़ सकता है। आपको बता दें कि ये दोनों बीमारियां अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण आपको अपना शिकार बना सकती हैं। इसलिए बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें इस बारे में।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन में क्या होता है
डायबिटीज- यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें बॉडी इंसुलिन को सही मात्रा में बना नहीं पाती या उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाती। इसके कारण ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ने लगता है। इसके दो प्रका हैं- टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-1 में शरीर में इंसुलिन हार्मोन नहीं बनता, तो वहीं टाइप-2 में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है, जिसके कारण सेल्स उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता।
हाइपरटेंशन- इसे हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड वेसल्स में बहुत ज्यादा दबाव डालता है। इसके कारण स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर कई दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
बचपन में होने वाली डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण
जेनेटिक फैक्टर- यदि परिवार में किसी को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है, तो बच्चे में भी होने का खतरा बढ़ जाता है।
अनहेल्दी डाइट- ज्यादा मीठा, नमकीन और फैट वाला खाना खाने से मोटापा बढ़ता है, जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण है।
फिजिकल एक्टिविटीज की कमी- आजकल बच्चे ज्यादातर समय मोबाइल या कंप्यूटर गेम खेलने में बिताते हैं जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। इसके कारण मोटापा बढ़ सकता है, जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का बड़ा रिस्क फैक्टर है।
मोटापा- मोटापा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है।
बच्चों को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचाएं
हेल्दी डाइट- बच्चों को हेल्दी और संतुलित खाना खिलाना बेहद जरूरी है। जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही आदि शामिल हों। साथ ही, उन्हें जंक फूड, मिठाई और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करना सिखाएं।
फिजिकल एक्टिविटी- बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। जैसे दौड़ना, कूदना, खेलना आदि। इससे उनका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहेगा और मोटापे का खतरा भी कम होगा।
हेल्दी वजन- बच्चों का वजन उनके उम्र और लंबाई के अनुसार होना चाहिए। अगर बच्चा मोटापे का शिकार है, तो उसे स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
नियमित हेल्थ चेकअप- बच्चों की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं, ताकि किसी भी बीमारी का जल्दी पता चल सके और उसका इलाज किया जा सके।
तनाव कम करें- बच्चों को तनाव मुक्त वातावरण देने की कोशिश करें। तनाव न सिर्फ उनकी शारीरिक सेहत बल्कि मानसिक सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।
पूरी नींद- बच्चों को रोजाना 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए।