सेंट पीटर्सबर्ग : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस को अमेरिका को बड़ा खतरा बताया है. रूस की प्राथमिकता भारत के साथ रणनीतिक और नौसैनिक सहयोग बढ़ाने के साथ ही ईरान, इराक, सऊदी अरब के साथ व्यापक सहयोग विकसित करना है. रूस के नेवल डे के मौके पर पुतिन ने एक नए नौसैनिक सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए.
बता दें कि रूस ने अमेरिका को मुख्य खतरे के रूप में पेश किया है. इसमें आर्कटिक और काला सागर जैसे महत्वपूर्ण इलाकों के लिए रूस की वैश्विक समुद्री महत्वाकांक्षाओं को भी बताया गया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के नौसेना दिवस पर पुतिन ने एक छोटा भाषण दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि जिरकोन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों जैसे हथियारों के बल पर रूस के पास किसी भी संभावित हमलावर को हराने के लिए सैन्य ताकत मौजूद है. अपने भाषण से कुछ समय पहले पुतिन ने एक नए 55-पेज के नौसैनिक सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने कहा कि रूस के लिए मुख्य खतरा दुनिया के महासागरों पर हावी होने की अमेरिका की रणनीति और नाटो सैन्य गठबंधन का रूस की सीमाओं के करीब फैलते जाना है. रूस के नए नौसैनिक सिद्धांत में यह स्वीकार किया गया है कि रूस के पास विश्व स्तर पर पर्याप्त नौसैनिक ठिकाने नहीं हैं.
बता दें कि रूस ने अमेरिका को मुख्य खतरे के रूप में पेश किया है. इसमें आर्कटिक और काला सागर जैसे महत्वपूर्ण इलाकों के लिए रूस की वैश्विक समुद्री महत्वाकांक्षाओं को भी बताया गया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के नौसेना दिवस पर पुतिन ने एक छोटा भाषण दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि जिरकोन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों जैसे हथियारों के बल पर रूस के पास किसी भी संभावित हमलावर को हराने के लिए सैन्य ताकत मौजूद है. अपने भाषण से कुछ समय पहले पुतिन ने एक नए 55-पेज के नौसैनिक सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने कहा कि रूस के लिए मुख्य खतरा दुनिया के महासागरों पर हावी होने की अमेरिका की रणनीति और नाटो सैन्य गठबंधन का रूस की सीमाओं के करीब फैलते जाना है. रूस के नए नौसैनिक सिद्धांत में यह स्वीकार किया गया है कि रूस के पास विश्व स्तर पर पर्याप्त नौसैनिक ठिकाने नहीं हैं.