भारत से रूस जैसे रिश्ते चाहता है ईरान
ईरान स्वयं ही भारतको रूपी-रियाल समझौता करने का आग्रह कर रहा है,


नई दिल्ली:-ईरान ने भारत के बढ़ते प्रभाव को देखकर उससे मदद की गुहार लगाई है। वस्तुतः भारत विश्व पटल पर जिस शक्ति के साथ उभर रहा है उसका नमूना उसने G7 देशों के ऑल प्राइस कप को सिरे से नकार कर दे दिया, विश्व पटल में अपना वर्चस्व स्थापित कर चुके भारत से कभी मुँह मोड़ने वाला ईरान भी अब भारत के समक्ष सहायता के लिए खड़ा है, रूस की तरह ईरान भी अमरीका द्वारा प्रतिबंध के बोझ के तले दबा है, उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, इस संकट से जूझ रहे ईरानको टोमान नामक नई करेन्सी लानी पड़ी थी,जहाँ पहले ईरान भारत को कमतर आंक कर उसे चबहार को ले कर भी ना नुकूर करने लगा था 

वही ईरान भारत के ऊपर मेहरबान हो गया है, उसने चाबहार को लेके भी काफ़ी नरमी दिखायी,इसी क्रम में ईरान के नए राष्ट्रपतिइब्राहिम रैसि ने भारत से अनुरोध किया कि जिस तरह भारत रूस के साथ रूपी रूबल भुगतान तंत्र अपनाकर रूस के साथ व्यापार कर रहा है, उसी तरह वह ईरान के साथ भी रूपी-रीयल समझौता कर एक भुगतान प्रणाली विकसित करके व्यापार करे, वस्तुतः भारत पहले  ईरान से कच्चे तेल ख़रीदता था, किंतु ने भारत कई बार अपने विदेशी मुद्रा भंडार के कोष को सुचारु बनाए रखने कि लिए ईरान से रूपी-रियाल में व्यापार करने का प्रस्ताव रखा था किंतु ईरान तो डॉलर में ही व्यापार करने पर अड़ा रहता था, आज वही ईरान स्वयं ही भारतको रूपी-रियाल समझौता करने का आग्रह कर रहा है,


 मूलत ईरान को अब यह बात अच्छे से समझ आ गई की यदि कोई है जो उसे सैंक्शन के बाद भी बचा सकता है तो वह है भारत। ।

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