डब्ल्यूएचओ ने कहा-कोरोना के आंकड़े को फिर साझा करे चीन
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस


जिनेवा :  चीन में एक बार फिर कोरोना के मामलों हाहाकार मचा रखा है. हालात ये हैं कि मरीजों को न तो अस्पताल में बेड मिल रहा है और न ही शमशान में चिता जलाने के लिए जगह. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को एक बार फिर चीन से कोरोना महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए संबंधित आंकड़ों को साझा करने को कहा है.


डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयसस ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति की हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के दीर्घकालिक परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए. आगे कहा कि इस महामारी की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में बारे में समझने के लिए सही डेटा की आवश्यकता है. 

उन्होंने कहा कि हमने चीन से आंकड़ों को साझा करने का अनुरोध किया है. साथ ही टेड्रोस ने कोरोना जैसी गंभीर बीमारी की बढ़ती रिपोर्ट के साथ चीन में विकसित होती स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की. डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि जमीन पर स्थिति का व्यापक जोखिम मूल्यांकन करने के लिए, डब्ल्यूएचओ को रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती और गहन देखभाल इकाइयों के समर्थन की आवश्यकताओं के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है.

दरअसल, कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था. विशेषज्ञों ने वायरस की उत्पत्ति पर दो प्रमुख सिद्धांतों को सामने रखा है. पहला सिद्धांत यह है कि सार्स-कोव-2 एक प्राकृतिक जेनोटिक स्पिलओवर का परिणाम है. दूसरा सिद्धांत यह है कि वायरस ने एक शोध से संबंधित घटना के परिणामस्वरूप मनुष्यों को संक्रमित किया. सार्स-कोव-2 एक श्वसन रोगजनक के रूप में उभरा है, जो मानव से मानव में फैलता है.

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)

अधिक विदेश की खबरें

मोहम्मद मुइज्जू को भारी बहुमत, फिर बनेंगे राष्ट्रपति, भारत-मालदीव रिश्तों में बढ़ेगी खट्टास

मोहम्मद मुइज्जू को भारी बहुमत, फिर बनेंगे राष्ट्रपति, भारत-मालदीव रिश्तों में बढ़ेगी खट्टास ..

मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने संसद में स्पष्ट बहुमत हासिल कर ......