पेशावर : पाकिस्तान के पेशावर में नमाज के दौरान मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में हुई मौतों पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि भारत में पूजा के दौरान कभी भक्तों की हत्या नहीं हुई. वहीं हमारे यहां हाई सिक्योरिटी वाले इस मस्जिद में हुए हमले में 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए. इतनी सिक्योरिटी के बाद इस तरह का हमला हैरान करने वाली बात है.
नेशनल असेंबली में हमले पर बोलते हुए आसिफ ने कहा, 'भारत या इजरायल में भी प्रार्थना करने के दौरान उपासक/भक्तों की हत्या नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हुआ. डॉन की न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए खुद को व्यवस्थित करने का समय है.
पीपीपी के कार्यकाल में शुरू हुआ था ये युद्ध
2010-2017 के दौरान की आतंकवाद की घटनाओं को याद करते हुए मंत्री ने कहा, 'यह युद्ध पीपीपी के कार्यकाल में स्वात से शुरू हुआ था और यह पीएमएल-एन के पिछले कार्यकाल के दौरान समाप्त हो गया था. इसके बाद देश में कराची से स्वात तक शांति स्थापित हुई थी.'
उन्होंने कहा, 'अगर आपको याद है, डेढ़ या दो साल पहले हमें इसी हॉल में दो, तीन बार एक ब्रीफिंग दी गई थी जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन लोगों के साथ बातचीत की जा सकती है और उन्हें शांति की ओर लाया जा सकता है.' आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.
नेशनल असेंबली में हमले पर बोलते हुए आसिफ ने कहा, 'भारत या इजरायल में भी प्रार्थना करने के दौरान उपासक/भक्तों की हत्या नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हुआ. डॉन की न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए खुद को व्यवस्थित करने का समय है.
पीपीपी के कार्यकाल में शुरू हुआ था ये युद्ध
2010-2017 के दौरान की आतंकवाद की घटनाओं को याद करते हुए मंत्री ने कहा, 'यह युद्ध पीपीपी के कार्यकाल में स्वात से शुरू हुआ था और यह पीएमएल-एन के पिछले कार्यकाल के दौरान समाप्त हो गया था. इसके बाद देश में कराची से स्वात तक शांति स्थापित हुई थी.'
उन्होंने कहा, 'अगर आपको याद है, डेढ़ या दो साल पहले हमें इसी हॉल में दो, तीन बार एक ब्रीफिंग दी गई थी जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन लोगों के साथ बातचीत की जा सकती है और उन्हें शांति की ओर लाया जा सकता है.' आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.