रूस में शिवलुच ज्वालामुखी फटा, कई किलो मटीर तक नजर आया राख का गुब्बारा 
ज्वालामुखी


मॉस्को : रूस के कामचाटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वालामुखी फट गया है। ज्वालामुखी फटने से दस किलोमीटर ऊंचाई तक राख का गुबार नजर आया। इसे हवाई यातायात के लिए खतरा बताकर चेतावनी जारी की गई है।

ज्वालामुखी फटने के बाद कामचाटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया टीम सक्रिय हो गई है। टीम ने उड्डयन विभाग को चेतावनी जारी की है। अंदेशा जताया गया है कि इस ज्वालामुखी में अभी 15 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्फोट कभी भी हो सकता है। इससे कम ऊंचाई पर उड़ान वाली विमान सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं।

पूरे क्षेत्र में एहतियात के उपाय शुरू हो गए हैं। आसपास के स्कूलों को बंद करा दिया गया है। लोगों को अपने घरों में रहने के आदेश दिए गए। एक अधिकारी ने बताया कि ज्वालामुखी फटने के बाद धुआं 70 किलोमीटर दूर क्लाईची और कोजीरेवस्क के क्षेत्रों तक फैल गया है। इसलिए लोगों को अनावश्यक यात्रा करने से बचने को कहा गया है।

दरअसल धरती पर कई ज्वालामुखी मौजद हैं। इनकी गिनती भी नहीं की जा सकती है। इनमें से शिवलुच ज्वालामुखी 10,771 फीट ऊंचा है। यह कामचाटका प्रायद्वीप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। पिछले 10 हजार साल में 60 बार भयानक विस्फोट कर चुका है। अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट साल 2007 में हुआ था।

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