शहबाज शरीफ बढ़ी मुश्किलें, PoK में अचानक सड़क पर उतरे लोग, इंटरनेट और मोबाइल सर्विस सबकुछ बंद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जनता के लिए राहत और शासन प्रणाली में पारदर्शिता की मांग को लेकर यह हड़ताल की गई.


इस्लामाबाद. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सोमवार को जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर आम हड़ताल हुई. मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. जेकेजेएएमी में व्यापारी, स्थानीय नेता और नागरिक समाज के कार्यकर्ता शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जनता के लिए राहत और शासन प्रणाली में पारदर्शिता की मांग को लेकर यह हड़ताल की गई.

दो साल पहले शुरू हुआ यह आंदोलन क्षेत्र में नियमित और सब्सिडी वाले आटा व बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए था लेकिन अब इसमें कश्मीरी अभिजात वर्ग की विशेष सुविधाओं में कटौती, आरक्षित विधानसभा सीटों को समाप्त करना और मुफ्त शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की मांगें भी जुड़ गई हैं.

‘समा टीवी’ के अनुसार, मांगें पूरी न होने से जनता में बढ़ती निराशा के कारण बाजार, परिवहन और यहां तक ​​कि संचार सेवाएं बाधित हो गईं. स्कूल खुले थे लेकिन कक्षाएं खाली रहीं. इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं, जबकि लैंडलाइन सेवाएं भी पूरी तरह काट दी गईं.

प्रदर्शनकारियों ने 38 सूत्री मांग पत्र पेश किया है. प्रमुख मांगों में शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों को समाप्त करना तथा अभिजात वर्ग को प्राप्त विशेषाधिकारों को वापस लेना शामिल है. इसके साथ ही, आटा व बिजली पर सब्सिडी, कर में राहत, शरणार्थियों के लिए नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करना और न्यायपालिका में सुधार प्रमुख हैं. ‘एएज न्यूज’ ने बताया कि हड़ताल को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का समर्थन भी मिला. हालांकि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता में सहमति नहीं बन सकी.

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