भारतीय नौसेना और होगी मजबूत, बेड़े में शामिल हुआ परमाणु-रासायनिक युद्ध में सक्षम 'मोरमुगाओ'
प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाया गया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना के बेड़े में शामिल किया.


नई दिल्ली : भारतीय नौसेना और मजबूत होने जा रही है. दरअसल, आधुनिक हथियारों से लैस परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध में सक्षम 'मोरमुगाओ' जहाज रविवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गया है. प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाया गया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना के बेड़े में शामिल किया.

बता दें कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच इस युद्धपोत का भारत की समुद्री सेना में शामिल होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने के बाद भारत की ताकत तीन गुना बढ़ जाएगी.

नौसेना के बेड़े में शामिल करने का कार्यक्रम मुम्बई के नौसेना डॉकयार्ड में किया गया. प्रोजेक्ट 15 बी के तहत चार जहाजों के लिए 28 जनवरी, 2011 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे.

इस परियोजना का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले साल 21 नवंबर को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जा चुका है. आईएनएस मोरमुगाओ प्रोजेक्ट-15 बी श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है. स्वदेशी तकनीक से बने युद्धपोत को पिछले साल 19 दिसंबर को परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया था.

इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में अनगिनत खूबियां हैं, क्योंकि इसे आधुनिक युद्ध के लिए बनाया गया है. इस जहाज की डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार की है तथा निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है. 

प्रमुख ओईएम के साथ बीईएल, एल-एंड-टी, गोदरेज, मैरीन इलेक्ट्रिकल ब्रह्मोस, टेक्नीको, काइनको, जीत-एंड-जीत, सुषमा मैरीन, टेक्नो प्रॉसेस आदि जैसे छोटे एमएसएमई ने भी इस विशाल मोरमुगाओ को बनाने में अपना योगदान दिया है. इस पोत में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत निर्मित किया गया है.

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