नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को लेकर बड़ा फेरबदल किया गया है. कारण, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि कर्मचारियों को 5 सितंबर को सैलरी और पेंशनरों को 10 सितंबर को पेंशन दी जाएगी. प्रदेश की आर्थिक स्थिति जब तक ठीक नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारियों व पेंशनर को क्रमशः: 5 व 10 तारीख को सैलरी-पेंशन दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय लोन पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है. इससे सालाना 36 करोड़ रुपये की बचत होगी. सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कर्ज पर ब्याज से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया. राज्य में पहली तारीख को सैलरी-पेंशन दी जाती रही है, जबकि भारत सरकार से हमें 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट और 10 तारीख को केंद्र से शेयर इन्सेंटिव टैक्स आता है. इस वजह से हमें 5 दिन के लिए हर महीने लोन लेना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि हर महीने इसका 7.50 प्रतिशत ब्याज चुकाने पर 3 करोड़ ब्याज देना पड़ता है. इससे ब्याज का अनावश्यक बोझ कम होगा. सैलरी पर हर महीने 1200 करोड़ खर्च और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है. हर महीने 2000 करोड़ कर्मचारी-पेंशनर को देते हैं.
हिमाचल 2032 में सबसे समृद्धशाली राज्य होगा: सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि साल 2027 में हिमाचल आत्मनिर्भर होगा. साल 2032 में देश का सबसे समृद्धशाली राज्य होगा. प्रदेश में 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सरकार बनी तो उस समय प्रदेश में आर्थिक संकट था. अब कोई आर्थिक संकट नहीं है. इसे ठीक करने में अड़चने-तकलीफे आ रही है, लेकिन हमें फैसला करना होगा. समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना होगा. अब हम फाइनेंशियिल डिसिप्लेन की तरफ बढ़ रहे हैं.
रेवेन्यू जब सरप्लस था, तब डीए क्यों नहीं दिया: CM
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि साल 2018-19 और 2019-20 में रेवेन्यू सरप्लस था. बावजूद कर्मचारियों-पेंशनर को पूर्व सरकार ने डीए क्यों नहीं दिया. फिर चुनाव आए. चुनाव से छह महीने पहले आपने फ्री पानी, फ्री बिजली दिया. 10-10 करोड़ का टैक्स देने वाले होटल को फ्री बिजली-पानी दे दिया. 600 संस्थान खोल दिए. मुफ्त रेवड़ियां इन्होंने बांटी. हमारी सरकार आर्थिक सुधार कर रही है.
जयराम ने उठाया सैलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला
अंत में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि आर्थिक स्थिति पर शुक्रवार को सदन में फिर चर्चा होगी. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत कर्मचारियों व पेंशनर को सेलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं और डरे हुए हैं. क्या आर्थिक संकट इतना ज्यादा हो गया? लोगों के आंसू निकाल दिए. इस पर चर्चा होनी चाहिए.