आर्टिकल- वैभव तिवारी, लखनऊ
आये दिन मकान मालिक और किरायेदारों के बीच कुछ न कुछ बवाल होता ही रहता है, उस मसले को शांत करने हेतु, उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायदार विनियमन अध्यादेश 2021 के तहत, कुछ नए नियम लागू किये है।
रेंट एग्रीमेंट के बिना नही रख सकते किरायदार
अब जो भी बवाल किरायदार और मकान मालिक के बीच होता आ रहा है, उसका कारण होता था कि कोई भी कागज़ी दस्तावेज नही होते थे, जिस कारण मुह ज़बानी वादा हो जाता था, और बाद में इंसान उनको भूल जाता था, और झगड़ा शुरु हो जाता है, इसी मुद्दे को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार कुछ नियम के साथ आई है, की बिना अग्रीमेंट के अब कोई भी मकान मालिक किसी को भी किराये पर नही रख सकता है, अगर ऐसा होता है, तो भविष्य में होने वाले किसी भी विवाद के दौरान वह कानूनी मदत नही ले पायेगा, अग्रीमेंट के कारण वह अपने terms एंड condition को कोर्ट में दिख के खुद को सही साबित भी कर सकते है।
किरायदारों को होगा आराम, विवाद भी सुलझेगा जल्दी
अक्सर मकान मालिक अपने मन मुताबिक किराये को मार्किट रेट का बहाना दे कर बढ़ा देता हैं, इस नए नियम के अनुसार मकान मालिक 5% से ज़्यादा किराया नही बढ़ सकता है, जिस पर एग्रीमेंट साइन हुआ करेगा। और हर 11 महीने में नया एग्रीमेंट बनाया जाएगा, आप को बता दे कि ये नियम बड़े शहरों जैसे दिल्ली और मुम्बई में पहले से ही लागू है। पहले के किराये संबंधी कानून जो कि 1972 का है, उसको खारिज कर के बदलाव के साथ 2021 मे नए नियम लागू हुए है, और इससे राज्यपाल से भी मंजूरी हो गयी है। अब इस कानून को उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अध्यादेश 2021 के नाम से लागू होगा।