हॉकी खिलाड़ी चरणजीत सिंह के निधन पर हॉकी इंडिया ने व्यक्त किया शोक
चरणजीत सिंह


नई दिल्ली :  हॉकी के दिग्गज पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता चरणजीत सिंह के निधन पर गुरुवार को हॉकी इंडिया ने शोक संवेदना व्यक्त किया है. दरअसल, चरणजीत सिंह 92 वर्ष के थे और उनका हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया.


बता दें कि ओलंपियन चरणजीत सिंह दो बार के भारत के गौरवशाली दिनों का हिस्सा थे. उन्होंने 1964 के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का नेतृत्व किया था. भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण हासिल किया था. इसके अलावा वह रोम में 1960 के ओलंपिक खेलों में रजत जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

20 नवंबर 1929 को जन्मे चरणजीत सिंह कर्नल ब्राउन कैम्ब्रिज स्कूल, देहरादून और पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे. अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपने शानदार करियर के बाद, उन्होंने शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक के रूप में काम किया।

चरणजीत सिंह के निधन पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने कहा, "यह हॉकी बिरादरी के लिए एक दुखद दिन है. अपने बुढ़ापे में भी, वह हर बार हॉकी के बारे में बातचीत करते थे. वह हर उस महान क्षण को सही ढंग से याद कर सकते थे जो जब वह हॉकी के भारत के सुनहरे दिनों का हिस्सा थे. उन्होंने खिलाड़ियों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया. वह एक बहुत ही शांत नेतृत्व वाले कप्तान थे और उन्हें मैदान पर उनके अविश्वसनीय कौशल और मैदान के बाहर उनकी विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा. हॉकी इंडिया की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि।"


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