मुख्यमंत्री योगी ने बलिया बलिदान दिवस पर शहीदों को किया नमन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ  : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया बलिदान दिवस के मौके पर जिला कारागार में सेनानियों को नमन करने के बाद पुलिस लाइन के मैदान में कहा कि देश को जब भी जरूरत पड़ी, बलिया ने आगे बढ़ कर नेतृत्व किया। सीएम योगी ने नयहां पहले जिला कारागार में शहीद राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद पुलिस लाइन में विशाल जनसभा को संबोधित किया।  

उन्होंने बलिया के बागी चरित्र को झकझोरते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि बलिया के लिए अनुशासन का कोई महत्व नहीं है। आजादी के बाद देश को जिस अनुशासन की आवश्यकता थी, वह अनुशासन तो बलिया ने दिखाया लेकिन आजादी के पहले वह अनुशासन नहीं दिखाया। जब जब आवश्यकता पड़ी, बलिया आगे बढ़कर काम करता आया है।

मंगल पांडेय ने अंग्रेजों के खिलाफ पहली चिंगारी जलाई थी। भारतीयों से क्रूरता करने वाले अंग्रेज अधिकारियों को उन्होंने मारकर यह चिंगारी जलाई थी। मैं मंगल पांडेय की धरती पर आकर अभिभूत हूं। योगी ने कहा कि बलिया गंगा और सरयू के संगम तट पर बसा है। इसलिए यहां के लोगों के भाव में पवित्रता दिखती है।

भारत छोड़ो और करो या मरो के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया को देश में सबसे पहले आजाद होने का गौरव हासिल है। पचास हजार क्रांतिकारियों ने जेल पर धावा बोल कर अपने लोगों को छुड़ा लिया था। तब यहां के लोगों के हाथों में हथियार के रूप में भाला, फावड़ा, हल-कुदाल आदि ही थे।  


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