आलस्य क्यों है घातक?इससे निकलने के क्या हैं उपाय?
आलस्य की बात करें तो यह ऊर्जा, इच्छाशक्ति और उदासीनता की कमी है


कुछ दिन आलसी होना ठीक है।  ख़ासकर जब आप  व्यस्तता में जीवन व्यतीत करते हों। ऐसे ने कुछ भी किए बिना कभी-कभार दिनगुज़ार  लेना स्वस्थ होने और फिर से जीवंत होने के लिए बहुत जरूरी है।

 हालांकि, अगर यह बार-बार हो रहा है, तो इस साइकल को तोड़ने की सख़्त जरूरत है।  आलस्य, शरीर में प्रवेश कर जाने के बाद, ख़त्म कर पाना बहुत मुश्किल होता है।  काम के प्रति जोश की कमी, उसे करने के लिए अभिभूत महसूस करना, हर समय थकान महसूस करना और चाहकर भी दोस्तों के साथ मेल-जोल न करना क्योंकि आलसी होना आपको सुस्त बना सकता है।

आलस्य की बात करें तो यह ऊर्जा, इच्छाशक्ति और उदासीनता की कमी है जो एक बार शरीर में प्रवेश कर जाने के बाद बड़ी मुश्किल से ही दूर होती है।  यदि समय रहते आलस्य को ना भगाया गया तो इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ सकता है।

आप कुछ गतिविधियों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह महसूस कर सकते हैं, लेकिन अगर आप उन्हें पूरा करने में सक्षम नहीं हैं या उनकेप्रति प्रेरित महसूस नहीं कर रहे हैं, तो यह आपकी मानसिक शांति के लिए हानिकारक हो सकता है।

आलस्य से कैसे लड़ें?

=अपने लक्ष्य को निर्धारित करें ।

=ज़्यादा पर्फ़ेक्शन के पीछे ना भागें।

=एक योजना पर विचार करें और उस पर कार्य करें ।

=लाभ के बारे में सोचें।

=एक समय में एक ही कार्य करें।

=कार्य टालिए मत।


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