स्वस्थ समाज से होगा स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ : एक स्वस्थ शरीर ही धर्म के सभी साधनों को पूरा कर सकता है। धर्म के सभी साधन एक स्वस्थ शरीर में ही निहित होते हैं। उत्तम आरोग्यता को प्राप्त करना प्रत्येक भारतीय की दिनचर्या का हिस्सा रहा है। समय से जागने, सोने या भोजन की आदत हो या अपने जीवन के प्रत्येक संस्कार से जुड़ा कोई भी कार्यक्रम हो, हर भारतीय परिवार खुद को उससे जोड़ता रहा है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए कदम बढ़ाएं। सही मायनों में, स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल की वार्षिक बैठक का शुभारंभ करते हुए कहीं। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे।

दुनिया ने आयुष की महत्ता को समझा
कोरोना महामारी के दौरान आयुष की उपयोगिता के बारे में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोई भारतीय परिवार ऐसा नहीं होगा जो अपने दैनिक भोजन में हल्दी का सेवन न करता हो। हल्दी की ताकत और उसके सामर्थ्य को पूरी दुनिया ने कोरोना कालखंड में महसूस किया। हल्दी हजारों वर्षों से हमारी दैनिक दिनचर्या का अहम हिस्सा रही है। आयुष की ताकत को भले ही दुनिया ने कोरोना कालखंड में समझा हो, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष से जुड़े सभी विभागों को जोड़कर देश को एक नया मंत्रालय देने का काम किया। ये चीजें बताती हैं कि ताकत हमारे पास पहले से थी, लेकिन हमने कभी उन्हें महत्वपूर्ण नहीं समझा।

मजबूत हो रहा प्रदेश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर
राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 1947 से 2017 तक यानी 70 वर्षों में केवल 12 मेडिकल कॉलेज खुल पाए थे। 2017 से 2022 के बीच 35 नए मेडिकल कॉलेज के साथ एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ चुके हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपदों में मस्तिष्क ज्वर यानी इंसेफेलाइटिस से प्रति वर्ष हजारों मौतें हो जाती थीं। मध्य जुलाई से लेकर मध्य नवंबर तक प्रति वर्ष वहां 1200 से 2000 तक मौतें होती थीं। 40 वर्ष में 50 हजार से अधिक बच्चों की मौतें हुई थीं। इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद से लेकर 19 वर्षों तक मैंने संसद से लेकर सड़क तक इस पर आंदोलन किया। 2017 में सरकार बनने के बाद मेरे ऊपर जिम्मेदारी थी। प्रभावित गांवों की सूची बनाई। विभागों के बीच समन्वय कराया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर मेडिकल एजुकेशन, आयुष, नगर विकास, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग को जोड़कर सामूहिक रूप से अभियान को आगे बढ़ाया। 


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