चीन सीमा पर तैनात जवानों को रसद सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय सेना को 363 ड्रोन की तलाश
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नई दिल्ली : चीन सीमा पर उच्च ऊंचाई क्षेत्रों पर तैनात जवानों को रसद सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय सेना ने 363 ड्रोन की तलाश शुरू की है। पैदल सेना को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए सहायक उपकरण के साथ 163 रसद ड्रोन और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 200 लॉजिस्टिक ड्रोन की जरूरत है। सेना ने फास्ट ट्रैक तरीके से ड्रोन खरीदने के लिए स्वदेशी कंपनियों से 11 नवंबर तक निविदाएं भी मांगी हैं।

भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करता है। करीब 16 हजार फीट ऊंची पहाड़ियों की अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों तक रसद सामग्री पहुंचाने के लिए फिलहाल चिनूक हेलीकाप्टर को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। सेना अब उच्च ऊंचाई क्षेत्रों पर सैनिकों तक खाद्य सामग्री ले जाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की योजना के तहत मजबूती से आगे बढ़ रही है। 


भारतीय सेना अब तकनीकी युद्ध की तैयारी के चलते जल्द ही ''ड्रोन रेजिमेंट'' बनाने की तैयारी में है। इसके लिए सेना ने हाल ही में महाराष्ट्र की कंपनी आइडिया फोर्ज से 140 करोड़ रुपये का सौदा किया है। भारतीय सेना अब चीन सीमा पर परिचालन रसद बढ़ाने के लिए कामिकेज ड्रोन, आर्टिलरी ड्रोन, सशस्त्र ड्रोन स्वार खरीदना चाहती है। सेना ने 363 ड्रोन खरीदने के लिए सोमवार को स्वदेशी कंपनियों के लिए निविदाएं भी जारी कर दी हैं। 

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