लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने लोकसभा उपचुनाव के लिए मैनपुरी सीट के लिए बड़ा दांव खेला है. दरअसल, पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है. गौरतलब है मैनपुरी सीट पर यादव परिवार का कई दशकों से कब्जा रहा है. अब जब मुलायम सिंह इस दुनिया में नहीं तो उनकी इस राजनीतिक विरासत को उनकी बहु डिंपल यादव आगे बढ़ाएंगी.
समाजवादी पार्टी द्वारा लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी उपचुनाव - 2022 हेतु श्रीमती डिंपल यादव पूर्व सांसद को प्रत्याशी घोषित किया गया है। pic.twitter.com/gZIvtETfLT
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 10, 2022
डिम्पल यादव ने साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में डिम्पल यादव को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 10 हजार वोटों से हरा दिया था. अब अखिलेश यादव ने डिंपल को मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतारा है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस सीट पर 1996 से लगातार सपा जीतती चली आ रही है.
मैनपुरी सीट का मतलब यादव परिवार
मैनपुरी सीट पर हमेशा से यादव परिवार का कब्ज़ा रहा है. इसलिए जब कभी इस सीट की बात होती है तो यादव परिवार का जिक्र लाजमी हो जाता है. मैनपुरी सीट से 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था. 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी. इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे.
2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते. इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों (मैनपुरी और आजमगढ़) लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की. फिर मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी, जिस पर हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव जीते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम फिर मैनपुरी सीट से जीते थे.