9 महीने में वापस मिल जाएगा सहारा में निवेश करने वाले 10 करोड़ लोगों को उनका पैसा
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नयी दिल्ली : सहारा ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वालों के लिए खशखबरी है. दरअसल, केंद्र सरकार ने कहा है कि सहारा समूह में पैसा लगाने वाले 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के अंदर उनको अपना पैसा मिल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने सहारा समूह की सहकारी समितियों में पैसा लगाने वालों को रिफंड दिलाने की पूरी योजना बना ली है.


इसके तहत सहारा-सेबी रिफंड खाते में जमा 5000 करोड़ की राशि केंद्रीय रजिस्ट्रार के खाते में स्थानांतरित की जाएगी और फिर निवेशकों को लौटा दी जाएगी. केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद 10 करोड़ निवेशकों का पैसा लौटाने का रास्ता साफ हो गया है. इन निवेशकों ने सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में पैसा लगाया था. अब निवेशकों को सहारा-सेबी रिफंड खाते में जमा राशि वापस कर दी जाएगी.

यहां निवेश करने वालों को पैसा मिलेगा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सहारा समूह की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसे लगाने वालों को रिफंड मिलेगा. इसमें सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइ‍टी लिमिटेड (ahara Credit Cooperative Society Limited), सहारयन यूनिवर्सल मल्‍टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड (Saharayan Universal Multipurpose Society Limited), हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Humara India Credit Cooperative Society Limited) और स्‍टार्स मल्‍टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Stars Multipurpose Cooperative Society Limited) जैसी योजनाएं शामिल हैं. ये सभी योजनाएं मल्‍टी-स्‍टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्‍ट 2002 के तहत मार्च 2010 से जनवरी 2014 के बीच पंजीकृत कराई गई हैं.

भुगतान 9 माह में पूरा करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि भुगतान की पूरी प्रक्रिया 9 महीने में पूरी की जाए. इससे पहले शीर्ष अदालत ने केंद्र की उस अपील को स्वीकार कर लिया था जिसमें सहारा समूह में जमा 24 हजार करोड़ रुपये में से सेबी के पास रखे 5000 करोड़ रुपये आवंटित करने का आवेदन किया गया था. इससे पहले सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में पैसा जमा कराने वाले देश भर के लाखों निवेशकों ने अपना पैसा वापस नहीं होने की शिकायत की थी. इसके बाद सभी सोसायटियों को नोटिस जारी किया गया और सुनवाई भी सेंट्रल रजिस्ट्रार ने की.

अमित शाह के दखल से बना केस
सहकारिता मंत्रालय ने कहा कि 1.22 लाख शिकायतें सोसायटियों को भेजी गईं और जल्दी रिफंड की सिफारिश की गई, लेकिन सोसायटियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इस दौरान मंत्रालय को लगातार बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही थीं. तब केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को दखल देना पड़ा और उन्होंने आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग, सेबी, एसएफआईओ और ईडी के साथ कई दौर की बैठकें कीं. इसके बाद मंत्रालय ने शीर्ष अदालत से सेबी के पास जमा 5,000 रुपये केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित करने की अपील की.

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