फौजी ने पत्नी की गला घोंटकर की हत्या,  शव घर में दफनाया
घटनास्थल पर मौके पर मौजूद पुलिस, इनसेट में मृतका का फाइल फोटो


उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के शहर के इंदिरा नगर में एक फौजी ने अपनी पहली पत्नी की गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद फौजी ने घर के अंदर मजदूरों से टैंक खुदवाने के बाद बीती रात शव को दफना दिया। घटना  की  जानकारी उस समय हुई जब रिश्ते की भांजी मामी का हालचाल लेने घर पहुंची। जहां गेट पर ताला लगा मिला तथा सामने मामी का कुत्ता मरा हुआ पड़ा मिला। 

शक होने पर मामा से मामी के संबंध में पूछा जहां गोलमोल जवाब दिया। जिसके बाद भांजी ने हत्या की आशंका जताते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी की जांच शुरू करते ही आर्मी नायक भाग निकला और अपने कमांडर को हत्या की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद कमांडर का कोतवाली फोन आते ही पुलिस हरकत में आ गई। जहां ग्वालियर पहुंचकर हत्या आरोपी को हिरासत में लेकर उसकी निशानदेही पर शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के भेज दिया।

जानकारी के अनुसार सदर कोतवाली के मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी रामलखन सिंह पुत्र शिव शंकर सिंह मूल रूप से बीघापुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम धौलपुर का रहने वाला जो भारतीय सेना में नायक के पद पर तैनात है। वर्तमान में उसकी तैनाती ग्वालियर में है। पहली पत्नी संतोष (48) के कोई औलाद नहीं थी, जिसके कारण उसने 10 साल पहले जिला बाराबंकी थाना रामनगर के ग्राम आंगनपुर निवासी वंदना से दूसरी शादी कर ली थी, जिससे उसके तीन बच्चे आदित्य, आस्था व निष्ठा हैं। दूसरी शादी होने के बाद रामलखन पहली पत्नी संतोष को 6000 रुपये गुजारा देता था। संतोष शहर के गदन खेड़ा में किराए के मकान पर अकेले रहती थी। 

इसी साल रामलखन ने शहर के मोहल्ला इंदिरा नगर में मकान बनवाने के बाद दूसरी पत्नी बच्चो के साथ रहने लगा। पहली पत्नी को जब नए मकान की जानकारी मिली तो उसने एक कमरे में गुजारा न करने की बात कही और नए मकान में रहने का फैसला लिया। एक माह पूर्व वह भी वहां रहने आ गई। बीती एक मई को राम लखन छुट्टी पर शहर आया। इसके बाद 11 मई को राम लखन का संतोष से झगड़ा हुआ। जिस पर उसने मारपीट की। यह बात संतोष ने फोन पर शहर के गदन खेड़ा निवासी भांजी आशा चौहान पत्नी शैलेंद्र को बताई। 

मारपीट की सूचना पुलिस को दी गई।  पुलिस घर ढूंढती रही लेकिन सही लोकेशन न मिलने से लौट गई। उसी रात रामलखन ने गमछे से गला दबाकर संतोष की हत्या कर दी और रात भर उसका शव कमरे में डाले रखा। सुबह होने पर मंडी से चार लेबर लाया और टैंक खुदवाने की बात कहकर गड्ढा खुदवाया। इसके बाद रात के अंधेरे में उसी गड्ढे में संतोष के शव को दफन कर दिया और अगले दिन अपनी यूनिट लौट गया। पहली पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके चली गई।

 घटना के अगले दिन जब शहर निवासी मृतका की भांजी आशा उसका हालचाल जानने घर पहुंचे तो ताला लटका मिला। उसने फोन कर मामा से संतोष के बाबत पूछा तो मामा ने गोलमोल जवाब देते हुए उसी पर आक्षेप लगाने शुरू कर दिए। आशा ने कोतवाली पहुंच मामी संतोष के गायब होने की बात बताई। जिस पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की। इसके बाद बुधवार को भांजी आशा ने गुमशुदगी दर्ज करवाई तथा अपने मामा पर मामी की हत्या करने की आशंका भी जताई। 

जिला अस्पताल चौकी प्रभारी प्रवीण कुंज द्वारा जांच करते ही हत्यारोपी फौजी ग्वालियर भाग निकला। जहां घटना की जानकारी अपने कमांडर को दी। इसके बाद कमांडर द्वारा कोतवाली पुलिस को फोन पर मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने ग्वालियर पहुंचकर हत्या आरोपी को हिरासत में लेने के बाद उसकी निशानदेही पर घर के आंगन में खुदाई करने के बाद शव को बरामद किया। अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने फोरेंसिक टीम को बुलावाया। जांच के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सदर कोतवाल राजेश पाठक, अस्पताल चौकी प्रभारी प्रवीण पुंज समेत कोतवाली पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रहा।

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