विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों में स्वास्थ्य, कैल्शियम अब्जॉर्प्शन, मजबूत इम्युनिटी और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल और धूप में कम समय बिताने के कारण ज्यादातर भारतीयों में इसकी कमी पाई जाती है। ऐसे में डॉक्टर अक्सर विटामिन-डी सप्लीमेट्स लेने की सलाह देते हैं।
लेकिन इन सप्लीमेंट्स का पूरा फायदा तभी मिलता है, जब इन्हें सही तरीके से लिया जाए। सप्लीमेंट्स लेने का सही तरीका और समय पता होना जरूरी है, तभी इसका पूरा फायदा आपको मिल पाएगा। आइए जानें इस बारे में
क्या है विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का सही तरीका
विटामिन-डी फैट-सॉल्युबल विटामिन है। इसका सीधा-सा मतलब है कि यह पानी में नहीं, बल्कि फैट में घुलता है। इसलिए शरीर में इसके ठीक से अब्जॉर्ब होने के लिए, इसे फैट की जरूरत होती है। इसलिए अगर आप इसे खाली पेट लेते हैं, तो इसकी अब्जॉर्प्शन रेट काफी कम हो सकती है, जिससे सप्लीमेंट लेने का मकसद पूरा नहीं हो पाता।
फैटी मील के साथ लें- क्योंकि विटामिन-डी फैट-सॉल्युबल है, इसलिए इसे हमेशा ऐसे खाने के साथ लेना चाहिए जिसमें हेल्दी फैट्स मौजूद हों। यह फैट विटामिन-डी को शरीर में घुलने और ब्लड में अब्जॉर्ब होने में मदद करते हैं। इसलिए इसे दूध, नट्स, घी, अंडे या अवोकाडो के साथ लें।
सही समय भी है जरूरी- विटामिन-डी सप्लीमेंट्स को सुबह या दोपहर के खाने के साथ लेना ज्यादा बेहतर है। सुबह का समय इसलिए बेहतर माना जाता है क्योंकि इस समय मेटाबॉलिज्म हाई होता है और पोषक तत्वों का अब्जॉर्प्शन बेहतर होता है।
खुराक और नियमितता- विटामिन-डी की खुराक हर व्यक्ति की कमी के स्तर, उम्र और हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करती है। इसलिए हमेशा डॉक्टर की बताई गई खुराक ही लें और चाहे आप रोज खुराक ले रहे हों या साप्ताहिक, एक निश्चित समय और दिन तय करें और उसका सख्ती से पालन करें।
किडनी स्टोन के मरीज डॉक्टर से जरूर बात करें
अगर आप किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं या आपको किडनी स्टोन की समस्या है, तो विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है। दरअसल, विटामिन-डी कैल्शियम अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है। अगर आप हाई डोज ले रहे हैं, तो इससे शरीर में कैल्शियम लेवल बढ़ सकता है, जो किडनी में दमा होने लगता है और स्टोन्स की वजह बन सकता है।




