मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देगी सरकार - अमित शाह
फाइल फोटो


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को मणिपुर के इंफाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र शिद्दत से जुट गया है। इसी कवायद के तहत मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दौरे के दूसरे दिन सर्वदलीय बैठक करने के साथ-साथ मैती और कुकी समूहों, राज्य की प्रमुख हस्तियों, सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों, सिविल सेवकों और महिला नेताओं से मुलाकात की। राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए मंथन किया।

मणिपुर की अपनी यात्रा के तीसरे दिन, अमित शाह ने बुधवार को मोरेह और कांगपोकपी का दौरा किया और नागरिक समाज संगठनों और सुरक्षा बलों के साथ व्यापक चर्चा की। अमित शाह ने अधिकारियों को "कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ताकि हिंसा को रोका जा सके और लूटे गए हथियारों को बरामद किया जा सके।

शाह ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में शांति और समृद्धि है और शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस बीच सरकार ने घोषणा की कि वह मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देगी। केंद्र व राज्य दोनों आधा-आधा खर्च उठाएंगे। साथ ही दंगे में मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। बता दें कि मैती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 80 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं।

शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास पर सर्वदलीय बैठक की। इसमें हिंसा को नियंत्रित करने और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने पर चर्चा की गई। शाह ने मणिपुर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया। गृहमंत्री ने हिंसा प्रभावित राज्य में शांति लाने की अपनी पहल के तहत महिला नेताओं (मीरा पैबी) के एक समूह के साथ भी बैठक की।

शाह ने मणिपुर के समाज में महिलाओं की भूमिका के महत्व को दोहराया। कहा, हम सब मिलकर राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, शाह ने इसके बाद इंफाल में विभिन्न नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस बीच कुकी सिविल सोसाइटी के नेताओं से बातचीत के लिए शाह ने जातीय हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित चूड़चंदपुर का दौरा भी किया और उनकी शिकायतों-समस्याओं को सुना।


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