आज लखनऊ रंगमंच के दर्शकों के लिए यह बिलकुल अनूठा अनुभव था जब हारमोनियम ,ढोलक और नक्कारे की थापों के बीच नौटंकी की दोहे, चौबोले, लावणी और लोकगीतों के सुंदर समन्वय में  शेक्सपियर द्वारा सोलहवीं सदी में लिखे गए नाटक मर्चेंट ऑफ वेनिस का मंचन  लखनऊ फिल्म फोरम, विविध सेवा संस्थान और भारतेंदु नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया ।