नीरज चोपड़ा ने बताई अंग्रेज़ी सीखने की असली वजह
नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक ओलंपिक स्वर्ण पदक के बाद व्यावसायिक दायित्वों और सामाजिक प्रतिबद्धताओं ने उन पर भारी असर डाला।


खेल डेस्क:-गुरुवार को डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले नीरज चोपड़ा का कहना है कि वह अंग्रेजी में बोलने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि एक वैश्विक खेल होने के नाते उनका खेल एक ऐसे भाषा के ज्ञान की मांग करता है जो वैश्विक स्तर पर बोली एवं समझी जा सके।भारत के 24 वर्षीय जैवलीन खिलाड़ी का कहना है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बोली जाने वाली अंग्रेजी (स्पोकेन इंग्लिश) में काफी सुधार किया है, इसके लिए मै अपने कोच को धन्यवाद कहूँगा।

"मुझे पता है कि मेरी अंग्रेजी सही नहीं है लेकिन मैं इसे सुधारने के किए अपनी पूरी कोशिश करता हूँ, अपने कोच से अंग्रेज़ी में बात करने से मेरी भाषा में काफ़ी सुधार हुआ है। मुझे पता है कि एथलेटिक्स एक वैश्विक खेल है और मैं हर किसी तक पहुंचना चाहता हुँ।मुझे पता है कि मुझे हर जगह अनुवादक नही मिल सकता इसलिए मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूँ।"

नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक ओलंपिक स्वर्ण पदक के बाद व्यावसायिक दायित्वों और सामाजिक प्रतिबद्धताओं ने उन पर भारी असर डाला। अनुभव से "सीख" लेने के बाद, वह अगले सीज़न में चीजों को "अलग तरह" से करने की योजना बना रहा है।

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जैवलीन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने ज्यूरिख में आयोजित प्रतिष्ठित डायमंड लीग का फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया, वह यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं


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