महा मंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि बोेले : ब्राह्मण भाजपा से निराश है
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मेरठ : सरगर्मी से साधु-संत भी अलग नगीन हैं ! आज मेरठ में पल्लवपुरम स्थित भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष अजय भारद्वाज भराला के आवास पर को आयोजित हुई, प्रेस कांफ्रेंस में जूना अखाड़े के महा मंडलेश्वर यतीन्द्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि भाजपा ने इस बार ब्राह्मणों की अपेक्षा की है। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में इस बार टिकट में भी ब्राह्मणों की उपेक्षा की गई है। सुनील भराला का टिकेट काटना दुर्भाग्य पूर्ण है।


उन्होंने कहा कि मैं  एक सप्ताह से पश्चिम उत्तर प्रदेश में घूम रहा हूं ! जहां भी जाता हूं, वहां देखता हूँ कि ब्राह्मणों का अपमान किया जा रहा है। बहुत पहले ब्राह्मण समाज कांग्रेस का समर्थक था, वहां से निराश हुआ तो बसपा को भी समर्थन दिया था। लेकिन वहां से भी निराश हो गया ! बसपा में थोड़ा सम्मान मिला था, लेकिन उससे ज्यादा निराशा मिली थी।

समय रहते अगर भाजपा ने ब्राह्मणों को सम्मान नहीं दिया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राजनीति में पिछड़ों की बात होती है अति पिछड़ों की बात होती है ब्राह्मणों की बात नहीं होती। इस देश की संस्कृति व इस देश की परंपरा को ब्राह्मण समाज ने बना कर रखा है! कहीं न कहीं ब्राह्मण को भी खड़े होने के लिए स्थान चाहिए ! राजनीति में ब्राह्मणों की बात करने वाले भी होने चाहिए।

ब्राह्मणों की नाराजगी का कारण है सम्मान पूर्वक दो शब्द भी कोई नहीं बोलता है,! ब्राह्मणों के सशक्त नेता को काटा जा रहा है। राजनीति में ब्राह्मणों को मतों के अनुसार भी कुछ नहीं दिया जा रहा है ! प्रदेश में 18% ब्राह्मण है। समय रहते हुए भारतीय जनता पार्टी को यह अवसर है! वह चाहे तो ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर कर सकती है।

राष्ट्रीय लोक दल पार्टी जाटों की राजनीति करती है, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल ने कभी भी जाटों का उत्थान नहीं किया है। लोकदल ने यह किया है कि पूरे पश्चिम के अंदर मुस्लिम  माफिया नेता है उन सबको राष्ट्रीय लोकदल की सीढ़ी स्थापित करने के लिए उपयोग कराया है। पश्चिम के जितने भी मुस्लिम माफिया नेता है, वह राष्ट्रीय लोकदल के सीडी के सहारे ही आगे बढ़ रहे हैं और पश्चिम में मुस्लिम वाद खड़ा हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी ने अभी पश्चिम के लगभग सौ जाट नेताओं को बुलाया अच्छी बात है लेकिन प्रदेश के अंदर 18% ब्राह्मण हैं, जो एक निर्णायक भूमिका रखता है। भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक ब्राह्मणों के नेताओं को बुलाकर कहीं पर भी मान सम्मान नहीं किया है।


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