प्रबोधन कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंत्री, विधायकों को पढ़ाया राजनीतिक सुचिता का पाठ, कहा राजनीति से परिवार और रिश्तेदारों को रखें दूर  
मंत्रियों और विधायकों को सम्बोधित करती राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Dheeraj Dhawan))


लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के विधायकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विधायकों और मंत्रियों को राजनीतिक सुचिता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि जब विधायक और मंत्री के स्थान पर उनके बेटे, बेटी समेत अन्य परिजन काम करते हैं तो इससे उनकी छवि बिगड़ती है। इसलिए आपको अपनी प्राथमिकताएं तय करके काम करना होगा। 



राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि सभी विधायकों को क्या काम करना है, कैसे करना है, क्यों करना है, यह सोच लिया जाए। आपकी प्राथमिकता क्या है? सबसे पहले यह सोचना पड़ेगा। मैं जानती हूं कि आप जो चाहते हैं वह होगा नहीं। आप चाहते हैं कि सभी सड़क बन जाएं। सभी स्कूल बन जाएं। यह भी हो जाए, वह भी हो जाए। सबको घर मिल जाए, सबके घर तक पानी पहुंच जाए। ऐसा अगर आप मानकर आए हैं तो आप निराश हो जाओगे। मैंने 20 वर्षों तक काम किया है और उसी अनुभव के आधार पर यह बात आपसे बता रही हूं। इस कार्यक्रम के मौके पर बीजेपी सरकार के कई मंत्री विधायकों के यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद रहे



उन्होंने कहा कि आपको ऐसे वचन जनता को भी नहीं देने चाहिए। अगर आप पानी नहीं पहुंचा पाएंगे तो आपकी छवि बिगड़ेगी। अगर विधायक और मंत्री दोनों की छवि बिगड़ती है तो इससे सरकार की भी छवि खराब होती है। सरकार का बजट होता है। हर विभाग का अपना एक बजट निर्धारित है। बजट के हिसाब से ही काम करना पड़ता है। इसमें भी जहां पर कभी कुछ नहीं हो पाया है, सरकार की प्राथमिकता वही होती है। एक गांव है जिसके पास एक भी सड़क नहीं है। एक ऐसा गांव है जिसके पास पांच सड़क है। आप छठी सड़क मांग कर रहे हैं। क्या सरकार वह छठी सड़क दे सकती है? सरकार की प्राथमिकता वही होगी जहां एक भी सड़क न बनी हो। सरकार नहीं दे रही है तो फिर आपको लगेगा सरकार कुछ काम ही नहीं कर रही है। आप मीडिया में यह बात बोल दिए तो आपकी नकारात्मक छवि भी जगह-जगह पहुंचती है।



राज्यपाल ने कहा कि योगी जी ने बहुत अच्छी तैयारी की है। जिस तरह से स्कूल में अध्यापक और छात्र टाइम टेबल बनाकर अध्ययन और अध्यापन करते हैं, उसी प्रकार मुख्यमंत्री ने पूरी सरकार का टाइम टेबल निर्धारित कर दिया है। सोमवार से लेकर रविवार तक कब, किसे, कहां और कैसे रहकर कार्य करना है? यह सब उनकी तैयारी है। एक टाइम टेबल के हिसाब से अगर आप सबलोग काम करेंगे तो उत्तर प्रदेश भी मॉडल बन सकता है।



परिवार को कार्यक्षेत्र से दूर रखने की नसीहत
राज्यपाल ने विधायकों और मंत्रियों को उनके परिजनों को कार्यक्षेत्र से दूर रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आप अपने परिवार के लोगों को साफ-साफ बता दीजिए कि उन्हें आपके कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना है। जब किसी मंत्री, विधायक का बेटे-बेटी समेत अन्य परिजन, रिश्तेदार तक आपके कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप करते हैं, आप के बजाय जब वह काम करते हैं, तो उससे आपकी छवि बिगड़ती है। इससे सरकार पर भी खराब असर पड़ता है। आप सभी लोग नीति नियम का अच्छे से पालन कीजिए।




इस व्यवस्था में अधिकारी के हाथ में सबकुछ
राज्यपाल ने कहा कि इस 18वीं विधानसभा में 128 ऐसे विधायक हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। 47 महिला विधायक हैं। यह हमारे लिए बड़ी बात है। विधायक के रूप में काम करना, विधायक के बाद मंत्री बनने पर काम करने का अलग-अलग अनुभव है। जनप्रतिनिधियों के हाथ में कुछ नहीं है। अधिकारियों के हाथ में सबकुछ है। आप अधिकारी को सामने बैठाकर काम करवा सकते हैं। उन्हीं कार्यों से आपकी पहचान बनेगी। अपने कार्यों से आप लोगों का दिल जीत सकते हैं।

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)

अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें