नाटक वीरांगना झलकारी बाई ने सिखाया मातृभूमि से प्रेम करना
कैलाश चंद द्वारा लिखित एवं चंद्रभाष सिंह द्वारा निर्देशित इस नाटक में झलकारी बाई के जिंदगी पर रोशनी डाली गई है। (Photo : Dheeraj dhawan()


लखनऊ : नाट्य संस्था विजय विजय बेला एक कदम खुशियों की ओर के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से शनिवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में नाटक वीरांगना झलकारी बाई का मंचन किया गया।

कैलाश चंद द्वारा लिखित एवं  चंद्रभाष सिंह द्वारा निर्देशित इस नाटक में कुछ वीरांगना झलकारी बाई के जिंदगी पर रोशनी डाली गई है। झलकारी बाई जो न तो ऊँची जाती में पैदा हुई न ऊचें कुल में , जिसके पास न तो सत्ता थी न सिर पर ताज  लेकिन अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी और अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गई। झलकारी बाई का जन्म बुंदेलखंड के भोजला गांव में 22 नवंबर 1830 को एक गरीब कोरी परिवार में हुआ था। इनकी मां का नाम जमुना बाई एवं पिता का नाम सदोवा था।इनका विवाह नयपुरा निवासी झांसी की सेना के सेना नायक पूरन कोरी के साथ हुआ।इनकी मां की मौत उस समय हो गई जब यह बहुत छोटी थी, झलकारी बाई के पिता ने इन्हें पुत्र की तरह जीवट बनाया। 

बचपन में झलकारी बाई का सामना एक बाघ से हो गया और झलकारी बाई ने बिना भयभीत हुए  कुल्हाड़ी से बाघ को मार गिराया ।झलकारी बाई जितनी अच्छी घुड़सवारी कर लेती थी उतनी ही कुशलता से वह तलवारबाजी में माहिर थी। रानी लक्ष्मीबाई ने भी उनकी वीरता को देखकर उन्हें अपनी ख़ास दुर्गा दल की प्रमुख कमांडर बनाया। अप्रैल 18 57 के दौरान लक्ष्मीबाई ने झांसी के किले के भीतर से अपनी सेना का नेतृत्व किया और अंग्रेजों और उनके स्थानीय सहयोगियों द्वारा किए गए कई हमलों को नाकाम कर दिया । झलकारी बाई का पति पूरन किले की रक्षा करते हुए शहीद हो गया , लेकिन झलकारी ने अपने पति की मृत्यु का शोक मनाने के बजाए अंग्रेजों को चुनौती देना स्वीकार किया और अंग्रेजों को भ्रमित करने के लिए और रानी लक्ष्मीबाई को सकुशल कालपी पहुंचाने के लिए झांसी की रानी का भेष बनाकर अंग्रेजों से भिड़ गई और अपनी मातृभूमि के लिए शहीद हो गई। 

मंच पर झलकारी बाई की भूमिका जूही कुमारी ने बहुत ही संजीदगी से निभाई, अन्य साथी कलाकारों में तान्या तिवारी, निहारिका कश्यप, एकता सिंह, श्री एस जायसवाल, प्रख्याति, श्रेया गुप्ता, वर्षा गुप्ता, अवनी चौधरी, सौरभ राज ,सागर मंदानी, सुंदरम मिश्रा ,अमरीश त्रिवेदी ,कोमल प्रजापति, बृजेश कुमार चौबे ,अंकुश कुमार, ओमकार पुष्कर, आर्यन सिंह, अभय सिंह, ध्रुव कुमार, अजय गुप्ता ,सुहेल शेख, अभिनव, अजय पांडे, अभिषेक मौर्या आदि ने शानदार अभिनय किया। वहीं तारा उप्रेती ने प्रकाश एवं आयुष श्रीवास्तव ने पार्श्व संगीत सम्भाल।

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