दर्दनाक हादसा : सीतापुर में दम घुटने से दंपति समेत दो बच्चों की मौत
मृतक बच्चे


सीतापुर। जिले के बिसवां इलाके में भीषण ठंड के बीच एक घर के अंदर दर्दनाक हादसा हो गया यहां ठंड से निजात पाने के लिए घर के कमरे में पेट्रोमैक्स जलाकर सो रहा पूरा परिवार की दम घुटने से मौत हो गई। बंद कमरे में मरने वालों में पति पत्नी और और उनके दो मासूम बेटा और बेटी शामिल है। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस छत का जाल काटकर घर के अंदर घुसी और शवो को बाहर निकाला है। कोतवाली अंतर्गत बिसवां कस्बे के मोहल्ला झज्जर निवासी आशिफ अली पुत्र शाकिर अली सदरपुर इलाके में स्थित इस्लामिया मदरसे में बाबू के पद तैनात है। बतातंे है कि शनिवार रात आशिफ अपने परिवार पत्नी शगुफ्ता, बेटी 3 वर्ष मायरा व 2 वर्षीय बेटे के साथ खाना खा पीकर एक ही कमरे में पेट्रोमैक्स जलाकर सो गए। घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह दूध वाला आया और कई आवाजें लगाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला। काफी देर तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो मोहल्ले वालों ने पुलिस को खबर की। हमारे बिसवां प्रतिनिधि अवधेश शुक्ल के अनुसार:-

छत के रास्ते घर में दाखिल हुए पुलिसकर्मी
सूचना पाकर पहुंचे पुलिसकर्मी इरफान के घर की छत से आसिफ के घर की छत पर पहुंचे थे। छत पर लोहे का जाल काटकर पुलिस कर्मी अंदर घुसे थे। फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा और दृश्य देख उनके भी पैरों तले जमीन खिसक गई। पेट्रोमैक्स बुझ चुकी थी लेकिन गैस की तीव्र दुर्गंध थी। कमरे में बेड पर पति पत्नी और बीच में दोनों मासूम बच्चे रसाई ओढ़कर बेदम पड़े थे।

एक साथ चारों की मौत से सहमे लोग
पुलिस कर्मियों ने हिलाया डुलाया तो कोई हलचल नहीं हुई। फिर समझने में देर नहीं लगी चारों को मृत देखकर उच्चाधिकारियों को घटना के बारे में बताया। उधर घटना की जानकारी पर मृतक के घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ आ चुकी थी। उपजिलाधिकारी पीएल मौर्य और सीओ अभिषेक प्रताप अजेय मौके पर पहुंचकर स्थिति की प्रारंभिक जांच की और एंबुलेंस से चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बताया जा रहा है कि मदरसे के बाबू आसिफ पिछले ढाई तीन साल से बिसवां में ही घर बनाकर पत्नी व दो मासूम बच्चों के साथ रहने लगे थे।

दो साल का था बेटा व तीन साल की बेटी
बिसवां एसडीएम पीएल मौर्य ने बताया कि पड़ोसियों से पता चला है कि आसिफ गुडैंचा सदरपुर में मदरसा इस्लामिया में बाबू थे। वह शनिवार रात को पत्नी शगुफ्ता और बेटा जयान व बेटी मायरा के साथ सोए थे। उन्होंने बताया कि आसिफ के परिवार वालों को खबर दी गई है। आर्थिक सहायता के बारे में उन्होंने कहा उच्चाधिकारियों से बात करेंगे।

गोडि़यनटोला में थी मृतक आसिफ की ससुराल
मदरसा के शिक्षक अब्दुल्ला गजाली ने बताया कि आसिफ मदरसा में पिछले करीब 12 साल से बाबू के पद पर नौकरी कर रहे थे। आसिफ तीन भाई और दो बहनें व उनकी बुजुर्ग मां हैं जो लखनऊ के रसूलपुर सादात गांव में ही रहते हैं। आसिफ की ससुराल सीतापुर नगर के मन्नी चौराहे के पास गोडि़यन टोला में है। 

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