संभल हिंसा पर केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को हिदायत, कहा-सपा लोग खराब न करें माहौल
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक


संभल : संभल में हुई हिंसा के केस में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि निचली अदालत इस मामले में कोई एक्शन न ले. कुछ भी करने से पहले हाई कोर्ट का आदेश लेना होगा. सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद यूपी के दोनों डिप्टी सीएम का बयान सामने आया है. जहां केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, तो वहीं ब्रजेश पाठक ने कहा कि जो कुछ कोर्ट ने कहा है उसका पालन किया जाएगा. किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा.

डिप्टी सीएम केशव मौर्य का बयान
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. साथ ही सपा के गुंडों और दंगाइयों से कहना चाहता हूं कि माहौल खराब न करें, नहीं तो सपा डूब जाएगी. दूरबीन लेकर भी खोजेंगे तो पता नहीं चलेगा. पुलिस-प्रशासन व सरकार दंगाइयों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी.

ब्रजेश पाठक ने कही ये बात
संभल हिंसा केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम माननीय न्यायालय का सम्मान करते हैं. जो भी कोर्ट ने कहा है उसका पालन किया जाएगा. किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे. जो भी आरोपी/दोषी होगा उसके ऊपर एक्शन होगा. लॉ एंड ऑर्डर बरकरार रहेगा. सरकार के साथ पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है.  

संभल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
दरअसल, संभल मस्जिद मामले की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट अभी नहीं खुलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लें, शांति पहले जरूरी है.

संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश देते हुए निचली अदालत से जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई न करने को कहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है, अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी.

क्या है संभल में जामा मस्जिद को लेकर विवाद?
संभल में मुगल शासक बाबर के युग में बनी जामा मस्जिद पर इस बात को लेकर विवाद है कि यहां पहले 'हरि हर मंदिर' था, जहां पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था. इसको लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से एक वकील ने कोर्ट सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी. बाद में कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया, जिसको लेकर इलाके में तनाव पैदा हो गया और मुस्लिम समाज ने इसका विरोध किया. बाद में हिंसा भड़की फिर चार लोगों की जान चली गई और पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हो गए.


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