आपके घर में कोई बवासीर की प्रॉब्लम से जूझ रहा है तो इसे जरूर करें ट्राई
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पाइल्स एक ऐसी प्रॉब्लम है जिसमें मल त्याग वाले रास्ते के अंदरूनी और बाहरी दोनों ही हिस्सों में सूजन आ जाती है। जिससे न सिर्फ तेज दर्द होता है बल्कि कई बार खून भी निकलता है। समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो मल त्याग के दौरान प्रेशर लगाने पर मस्से भी निकल जाते हैं।

बवासीर में हल्दी के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद होती है। बवासीर में हल्दी बहुत ही असरदार मानी जाती है और ब्लीडिंग को रोकने में भी मदद कर सकती है। हल्दी में करक्यूमिन तत्व के अलावा एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकार्सिनोजेनिक और एंटीबायोटिक गुण बवासीर की वजह से होने वाली समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

ऐसे करें इस्तेमाल

हल्दी और नारियल का तेल

बवासीर में आप हल्दी को नारियल तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी के सूजनरोधी गुण नारियल तेल के साथ मिलकर और ज्यादा प्रभावी हो जाते हैं। इसके लिए हल्दी और नारियल के तेल के मिश्रण को कॉटन की मदद से बाहरी बवासीर पर लगाएं। 

हल्दी और प्याज

एक प्याज को कद्दूकस कर उसका रस निकाल लें। इसमें सरसों का तेल और हल्दी मिलाएं । अब इस पेस्ट को बवासीर वाली जगह पर लगाएं। हर 30 मिनट में ये हल्दी का लेप लगाना चाहिए। 

हल्दी और एलोवेरा जेल

बवासीर के इलाज में हल्दी के साथ एलोवेरा जेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बवासीर में होने वाली जलन को कम करते हैं। इसके लिए एलोवेरा की पत्तियों को काटकर उनका जेल निकालकर प्रभावित जगह पर लगाएं। बता दें कि कुछ लोगों को एलोवेरा जेल से एलर्जी भी हो सकती है। ऐसे में एलोवेरा जेल को अपने हाथ पर लगाकर चेक कर लें। रिएक्शन का पता लगाने के लिए करीब 24 से 48 घंटे तक इंतजार करें। अगर आपको कोई एलर्जी नहीं है, तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 

बवासीर के कारण

  • गर्भावस्था
  • मोटापा
  • बार-बार कब्ज या दस्त
  • बहुत देर तक शौचालय में बैठे रहना
  • डाइट में फाइबर की कमी



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