सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए पाकिस्तान में अगले महीने होने वाले चुनाव टल सकते हैं!
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नई दिल्ली : पाकिस्तान में अगले महीने होने वाले चुनाव पर रोक लग सकती है. इसके लिए शुक्रवार को संसद के उच्च सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके पीछे की वजह जो वजह बताई जा रही है वह सुरक्षा का एक कारण है. सुरक्षा चिंताओं के चलते चुनाव में देरी की मांग की गई है.  इस प्रस्ताव को पाकिस्तान सीनेट ने सर्वसम्मति से पास कर दिया. जबकि कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पीएमएल-एन सीनेटर अफनानुल्लाह खान ने प्रस्ताव का विरोध किया.


दरअसल, सीनेटर दिलावर खान ने संसद के ऊपरी सदन में चुनाव में देरी की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे अधिकांश सांसदों ने मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव को स्वतंत्र सीनेटर दिलावर खान ने सत्र के दौरान केवल 14 सांसदों की उपस्थिति में पेश किया था. संसद के ऊपरी सदन में कुल 100 सदस्य हैं.

कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए दिलावर खान ने कहा कि मोहसिन दावर और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के सदस्यों पर हमले किए गए. यहां तक कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया गया. एएनपी नेता ऐमल वली को भी चुनाव पर आपत्ति है.

सीनेटर ने आगे कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान खुफिया एजेंसियों द्वारा खतरे की चेतावनी भी जारी की गई है. सीनेट का कहना है कि बाधाओं को दूर किए बिना चुनाव नहीं होने चाहिए, इसलिए 8 फरवरी के चुनाव को स्थगित कर दिया जाना चाहिए. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को चुनाव स्थगित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. सीनेट को चुनावी निकाय पर भरोसा है.


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