मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला जत्था भारत रवाना, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हुई जीत!
मालदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू


माले : चीन के पिट्ठू मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू लगातार ही भारत विरोधी रुख अपनाए हुए हैं. मोइज्जू को अब इस राह में पहली जीत मिलती दिख रही है. मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला जत्था वहां से भारत के लिए रवाना हो गया है. ये सैन्यकर्मी भारत द्वारा पड़ोसी द्वीपीय राष्ट्र को गिफ्ट दिए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहा था. हालांकि अब उन्होंने इसका संचालन भारतीय नागरिक दल को सौंप दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने मालदीव की स्थानीय मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के एक मीडिया अधिकारी ने बताया कि अड्डू शहर में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिक एक भारतीय नागरिक दल को हेलीकॉप्टर का संचालन सौंपने के बाद अब भारत वापस चले गए हैं. मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले बैच की वापसी पर भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई है.

एडीशन.एमवी समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएनडीएफ अधिकारी ने बताया कि पहले बनी सहमति के अनुसार, भारतीय सैन्य टुकड़ियों ने 10 मार्च से पहले देश छोड़ दिया है. अब इन हेलीकॉप्टरों का संचालन भारत के सिविल एक्सपर्ट द्वारा किया जाएगा, जिन्हें खास इसी मकसद से मालदीव भेजा गया है. अधिकारी ने आगे कहा कि मालदीव में अन्य जगहों पर तैनात बाकी भारतीय सैन्यकर्मी भी 10 मई तक वापस चले जाएंगे.

बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है. मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे और शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने भारत से हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपसमूह राष्ट्र से अपने कर्मियों को हटाने की मांग की थी.

वहीं भारत इस शर्त पर मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुआ था कि विमान को संचालित करने के लिए सैन्य उपस्थिति के बराबर संख्या में अपने नागरिकों को लाया जाएगा. हालांकि मुइज्जू ने पिछले हफ्ते कहा था कि कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, चाहे वह सैन्य कपड़ों में हो या नागरिक कपड़ों में… 10 मई के बाद उनके देश के अंदर नहीं रहेंगे.

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