Himachal Political : विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा हिमाचल का सेवक, कांग्रेस पार्टी का हटाया नाम  
विक्रमादित्य सिंह


शिमला : हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी संकट और गहराता जा रहा है. सुक्खू सरकार से नाराज चल रहे विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल से पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर और कांग्रेस हटा दिया है. इसकी जगह पर हिमाचल का सेवक लिखा है. विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में डेरा डाले हैं. दिल्ली पहुंचने से पहले उन्होंने अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह विधायकों से हरियाणा के पंचकूला में मुलाकात की.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए बीते मंगलवार को हुए चुनाव में कांग्रेस के छह बागियों ने ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी, जिसके चलते बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था. इसके बाद से प्रदेश में सियासी उठापठक शुरू हो गई.

इसके बाद, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने शिमला में पार्टी विधायकों से बात करने के लिए पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी. इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में राज्य के बजट के लिए मतदान पर पार्टी व्हिप का कथित तौर पर उल्लंघन करने के चलते संबंधित छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. विक्रमादित्य सिंह ने खुलकर नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने अपना रुख नरम कर लिया था.

पूर्व में सुक्खू सरकार के कामकाज पर असंतोष व्यक्त कर चुकीं प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह कुछ कार्यक्रमों के लिए दिल्ली गए हैं और कांग्रेस आलाकमान से भी मिलेंगे.

इधर, अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक राजेंद्र राणा ने कहा था कि संबंधित छह विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन में विधायकों की कुल संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है तथा इस क्रम में कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है. विधानसभा में बीजेपी के 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस के छह बागी विधायकों सहित तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था.

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