दूसरे कैदियों की तरह अतीक भी लाइन में खड़ा होकर खाना लेगा और करेगा काम
फाइल फोटो


उमेश पाल हत्याकांड में आजीवन सश्रम कारावास की सजा पाने वाला माफिया अतीक अब सलाखों के पीछे कैदी नंबर 17052 बन गया है। अब वह दूसरे कैदियों की तरह जेल की वर्दी पहनेगा और काम करेगा। सलाखों के पीछे वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। बताया गया है कि साबरमती जेल प्रशासन की ओर से सजायाफ्ता कैदी नंबर और वर्दी आवंटित किए जाने के बाद अतीक के हावभाव बदल गए हैं।

उसे जेल मैनुअल के अनुसार काम की सूची सौंपी गई है, ताकि उसकी अवस्था के अनुसार काम लिया जा सके। पिछले कई साल से सलाखों के पीछे कथित रूप से आराम करने वाले अतीक के लिए जेल का माहौल पहले जैसा नहीं रहेगा। पुकार लगाने पर उसका नाम लेने की बजाय कैदी नंबर बुलाया जाएगा। दूसरे कैदियों की तरह अतीक भी लाइन में खड़ा होकर खाना लेगा और काम करेगा।

जानकारों का कहना है कि अतीक नैनी, देवरिया, बरेली सहित कई जेलों में रह चुका है, लेकिन उसके शौक कम नहीं होते थे। अपनी हनक और दूसरे कारणों से वह जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर प्रभाव जमाता रहा है। देवरिया जेल में लखनऊ के बिल्डर और प्रयागराज के प्रापर्टी डीलर की बेरहमी से पिटाई भी की थी। साबरमती जेल में रहते हुए उसने एक शख्स को फोन करके धमकी दी थी तो दूसरे से रंगदारी मांगी थी।

उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या की तफ्तीश में यह बात सामने आई थी कि अतीक आइफोन पर फेस टाइम एप के जरिए गुर्गों से संपर्क में था। मगर अब वह सजायाफ्ता कैदी हो गया है तो उसकी हनक भी कम होने की बात कही जा रही है। उधर, नैनी जेल में बंद अतीक के वकील खान सौलत हनीफ व दिनेश पासी को भी एक सप्ताह में कैदी नंबर आवंटित कर दिया जाएगा और उनसे काम भी लिया जाएगा। इनको भी सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।


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