पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पर खड़े किए कई सवाल
पी चिदंबरम


प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के आठ साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पर कई सवाल खड़े किए हैं। पी चिदंबरम ने कहा कि इस योजना के तहत दिए गए 83 प्रतिशत कर्ज 50,000 रुपये से कम के हैं। मैं हैरान हुं कि आज उस राशि के ऋण के साथ किस तरह का कारोबार किया जा सकता है।

23.2 लाख करोड़ रुपये का दिया जा चुका है ऋण

बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने मुद्रा योजना के तहत आठ साल पहले शुरू की गई मुद्रा योजना के तहत 40.82 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 23.2 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) 8 अप्रैल, 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे और सूक्ष्म-उद्यमियों को आय के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपार्श्विक-मुक्त माइक्रो-क्रेडिट की उत्पादक गतिविधि की सुविधा के लिए शुरू की गई थी।

83 प्रतिशत ऋण 50,000 रुपये से कम

चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा कि मुद्रा ऋण योजना के तहत आठ साल में 23.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य का ऋण दिया गया है। जो तब तक "प्रभावशाली" है जब तक कि आप यह नहीं देखते कि इनमें से 83 प्रतिशत ऋण 50,000 रुपये से कम के हैं।

'50,000 रुपये केरल से कैसे कर सकते हैं बिजनेस

उन्होंने योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यानि 50,000 रुपये या उससे कम की दर पर उधारकर्ताओं को 19,25,600 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि यह मुझे आश्चर्यचकित करता है कि आज 50,000 रुपये के ऋण के साथ किस तरह का व्यवसाय किया जा सकता है?"
इन संस्थानों को मिलता है कि योजना के तहत ऋण
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, पीएमएमवाई के तहत ऋण सदस्य ऋण देने वाले संस्थानों (एमएलआई) - बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) और अन्य वित्तीय मध्यस्थों द्वारा प्रदान किया जाता है


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