कर्नाटक राज्य के एक गांव के मूल निवासी और इस समय मैसूर शहर में रहने वाले 45 वर्षीय दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार अपनी 73 वर्षीय मां को लेकर जनवरी 2018 में 20 वर्ष पुराने चेतक स्कूटर पर सवार होकर तीर्थ यात्रा के लिए निकले थे। लगभग 70 हजार किलोमीटर की यात्रा करके आधुनिक युग के श्रवण कुमार उर्फ कृष्ण कुमार 2 दिन पहले लखनऊ पहुंचे थे। यहां निराला नगर स्थित रामकृष्ण मठ में अपनी मां के साथ रुके थे । 2 दिनों में लखनऊ के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों का दर्शन करने के बाद आज सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ नैमिषारण्य के लिए प्रस्थान कर गए।
कृष्ण कुमार ने बताया कि उनकी माता धर्मनिष्ठ गृहणी हैं । इससे पहले कभी किसी तीर्थ स्थान पर मंदिर का दर्शन ,पूजन करने नहीं जा सकी थी। उन्होंने कभी इस तरह की इच्छा भी नहीं व्यक्त किया । लेकिन उनकी भावना को आदर करते हुए मैंने स्वयं उनको तीर्थ यात्रा पर ले जाने का निर्णय लिया और उनको बताया।
मेरी माता इस योजना से बहुत प्रसन्न हुई ।उनकी सेवा करके मुझे भी अपार सुख और शांति मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अध्यक्ष मेरे पिताजी नहीं है लेकिन उनके द्वारा खरीदा गया बजाज चेतक स्कूटर लेकर मैं तीर्थाटन के लिए निकला हूं और मेरी आत्मा यह मानती है कि मेरे पिताजी की भी आत्मा सूक्ष्म रूप से इस तीर्थ यात्रा में शामिल है।
कृष्ण कुमार जी ने बताया कि वर्षों की तीर्थ यात्रा में तमाम धर्माचार्य और भक्तों से मुलाकात की है। मुझे इस सब जगह समुचित सहयोग, सम्मान और समर्थन मिलता रहा है। इस यात्रा के पूरा होने के बाद कृष्ण कुमार अपना यात्रा वृतांत लिखते हुए एक पुस्तक भी प्रकाशित कर सकते हैं ।
रिपोर्टर: एकता तिवारी