मणिपुर हिंसा पीड़ितों से बिना मिले लौट रहे राहुल गांधी, कांग्रेस ने बोला हमला, पूछा आखिर डर किस बात का है?
हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे राहुल गांधी को रोके जाने के बाद कांग्रेस कड़ी प्रतिक्रिया दी है.


नई दिल्ली : मणिपुर हिंसा पीड़ितों से राहुल गांधी को मिलने की अनुमति नहीं मिली है. जिसके कुछ ही घंटों बाद वह मणिपुर लौट रहे हैं. बिष्णुपुर के पास पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उनके काफिले को रोक दिया और उन्हें आगे जाने नहीं दिया. इसके बाद राहुल काफिला पुनः इम्फाल की तरफ लौटने लगा है. इस पर बिष्णुपुर के एसपी ने कहा कि राहुल ही नहीं किसी भी नेता को आगे जाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभी वहां आगजनी और कल देर रात हालत और ज्यादा खराब हो गए थे. इसलिए उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया.

काफी बहस के बाद राहुल का काफिला इम्फाल हवाई अड्डे की तरफ मुड़ गया और आगे बढ़ने लगा. इस दौरान नाराज कांग्रेस जे कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें खदेड़ दिया. इससे पहले एयरपोर्ट से निकलने के बाद राहुल गांधी सड़क के रास्ते हिंसा पीड़ितों से मिलने राहत शिविरों को जा रहे थे,लेकिन ने पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उनके काफिले को रोक दिया है.

'मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं' : खड़गे
हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे राहुल गांधी को रोके जाने के बाद कांग्रेस कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया और कहा, मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है. वे राहत शिविरों में पीड़ितों से मिलने और संघर्षग्रस्त राज्य में भरोसा जगाने के लिए गए हैं. पीएम मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जहमत नहीं उठाई है. उन्होंने राज्य को अपने हाल पर छोड़ दिया है. अब उनकी डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें सहानुभूति की सोच रखने वाले राहुल गांधी को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ती हैं. मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं.

बीजेपी बोली- राहुल का मणिपुर में विरोध
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा को लेकर कई नागरिक समाज संगठनों और छात्र संघों ने कड़ा विरोध जताया है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राहुल से सड़क मार्ग के बजाय चुराचांदपुर जाने के लिए हेलिकॉप्टर से जाने का अनुरोध किया है, क्योंकि विभिन्न ग्रुप उनकी यात्रा का विरोध कर रहे हैं. राहुल सड़क मार्ग से जाने की जिद पर अड़े हैं. राजनीतिक लाभ के लिए 'जिद्दी' बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है संवेदनशील स्थिति को 'समझना' देखना. हेलिकॉप्टर टिकट की कीमत सिर्फ 2500/- रुपये है.

सुप्रिया श्रीनेत ने पूछा, 'आखिर किस बात का डर है'
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, देश के प्रधानमंत्री खुद तो मणिपुर जाएंगे नहीं और अगर राहुल गांधी हिंसा और नफरत के इस माहौल को शांत करने जाएंगे तो उनको रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. आखिर डर किस बात का है? यही कि आपकी विफलता और असंवेदनशीलता का पर्दाफाश हो जाएगा या फिर मोहब्बत, शांति और अमन से बैर है? सच है इस देश का प्रधानमंत्री कायर है.


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