कुनो में चीतों की मौत से दुनियाभर में खराब हो रही देश की छवि: अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव


लखनऊ : मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 2 अगस्त को एक और चीते ने दम तोड़ दिया।मार्च से अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है। मादा चीता धात्री सुबह मृत पाई गई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कुनो नेशनल पार्क में हो रही चीतों की मौत पर एक बार फिर हमला बोला।उन्होंने आठवें चीते की मौत पर भी बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया था। 

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि चीतों का राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के बाद कोई ख्याल नहीं रखा गया।अब एक बार फिर उन्होंने नौवें चीते की मौत पर सवाल उठाए। अखिलेश यादव ने कहा कि चीतों को सरकार की शक्ति का प्रतीक मानकर बीजेपी प्रचार-प्रसार करने में जुटी थी लेकिन चीतों की हो रही मौत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो रही है। चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से दो चरणों में 20 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाकर बसाया गया था।

चीतों का पहला जत्था पिछले साल सितंबर और दूसरा जत्था इस साल फरवरी में भारत लाया गया। 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीते साशा की किडनी में संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। जुलाई में नर चीते सूरज की मौत के बाद आंकड़ा बढ़कर आठ हो गया था। अखिलेश यादव ने चीते की आठवीं मौत पर भी चिंता जताई थी। मार्च के बाद से मादा चीतों में एक धात्री तिब्लिसी की मौत का नौंवा मामला है। 

प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव का कहना है कि मौत की वजह का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। देश में जंगली प्रजाति के विलुप्त होने पर 70 साल बाद चीतों को फिर से लाया गया। चीता परियोजना के तहत आठ नामीबियाई चीतों में पांच मादा और तीन नर को पिछले साल केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था। फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए थे।

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