अमेरिका के पहले प्राइवेट अंतरिक्ष यान 'ओडीसियस' ने खराबी के बाद चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग
चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग अंतरिक्ष यान ओडीसियस


केप केनवरल (अमेरिका) : अमेरिका की एक निजी कंपनी का लैंडर बृहस्पतिवार को चंद्रमा की सतह पर उतरने में कामयाब रहा लेकिन इसके केवल एक बार और वह भी बेहद कमजोर सिग्नल भेजा है.

लैंडर को लेकर जाने वाले अंतरिक्ष यान का निर्माण करने वाली ‘इंटुएटिव मशीन्स’ ने खराब संचार के बावजूद पुष्टि की कि लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा है. कंपनी ने लैंडर की स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया और न ही उसने उस स्थान की सटीक जानकारी दी जहां यह उतरा है. कंपनी ने लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने की जानकारी देने के साथ ही उसका सीधा प्रसारण बंद कर दिया.

मिशन के निदेशक टिम क्रैन ने कहा कि टीम इस पर काम कर रही है कि ओडीसियस नामक लैंडर से भेजे गए एकमात्र सिग्नल को कैसे स्पष्ट किया जाए. उन्होंने कहा, “लेकिन हम बिना शक यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारा उपकरण चंद्रमा की सतह पर है.”

वहीं कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव अल्टेमस ने कहा, “मुझे पता है कि आगे की राह स्पष्ट नहीं है लेकिन हम सतह पर हैं, और संचार प्राप्त कर रहे है. चंद्रमा पर स्वागत है.”

यह छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है, जो भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा. संयुक्त राज्य अमेरिका का ओडीसियस अंतरिक्ष यान गुरुवार (स्थानीय समय) को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा, जो 50 से अधिक वर्षों में यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान बन गया.

लैंडिंग से पहले ओडिसियस के नेविगेशन सिस्टम में कुछ खराबी आई थी. इसके बावजूद लैंडिंग कराई गई. यह स्पेसक्राफ्ट मून के साउथ पोल पर उतरा है. नासा से मिली जानकारी के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट की स्पीड लैंडिंग से पहले बढ़ी थी. इसलिए ओडिसियस ने मून का एक अतिरिक्त चक्कर लगाया था. एक चक्कर बढ़ने की वजह से लैंडिंग के समय में बदलाव हुआ. पहले यह भारतीय समय के अनुसार सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था.

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